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एक वर्ष से मानदेय(Honorarium) को तरस रहे आयुर्वेद यूनानी विभाग के उपनल कर्मी

Newsdesk Uttranews
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मानदेय (Honorarium)नहीं मिलने से परेशान हैं कार्यरत उपनलकर्मी

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चम्पावत सहयोगी: जिला आयुर्वेदिक यूनानी चंपावत उपनल कर्मचारियों को 1 वर्ष से मानदेय(Honorarium) नहीं मिला है.अब कर्मचारियों के परिवारों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है.

कर्मचारियों का कहना है कि इस एक साल की अवधि में अनेक बार जिलाधिकारी को भी इस संबंध में अवगत कराया जा चुका है. लेकिन अभी तक इनकी सुध नहीं ली गयी है.

जिआयू(जिला आयूर्वेद एवं यूनानी विभाग) में कार्यरत उपनल कर्मियों का कहना है कि कर्मचारियों को परेशान करने के लिहाज से उनका वेतन रोका जा रहा है ना तो उनकी उपस्थिति उपनल कार्यालय को भेजी जाती है ना ही इन कर्मचारियों का बिल उपनल को भेजा जाता है.

इसके अलावा इस कार्यालय से जो भी आदेश आता है उसी भी छुपा दिया जाता है। कहना है इससे उपनल कर्मी आर्थिक रूप से बहुत तंगी का सामना कर रहे हैं. एक साल बीतने के बाद भी इनकी सुध लेने वाला कोई कोई नहीं.

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कर्मचारियों ने अपने ही विभाग पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए बताया कि विभाग की ओर से मनमाने ढंग से उनका वेतन रोका जा रहा है. यहां से न उनकी उपस्थिति उपनल कार्यालय को भेजी जाती है ना ही उनका बिल जो उपनल कार्य इस कार्यालय से आता है उसे भी छुपा दिया जाता है.

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इसके चलते सभी उपनलकर्मी आर्थिक रूप से बहुत तंगी का सामना कर रहे हैं. दीपा बिष्ट, संजीव कुमार, कमल, महिंद्र, चंदन, राजाराम, हीरा वल्लभ कापड़ी आदि कर्मचारियों का कहना हैं कि इन सातों कर्मियों को एक साल से प्रोत्साहन भत्ता और मानदेय नहीं मिला है बताया कि सभी कर्मचारी दुर्लभ क्षेत्रों में कार्यरत हैं जिस कारण मानदेय न मिलने से उनका आर्थिक जीवन इतनी परेशानियां से गुजर रहा है.उनका कहना है जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान नहीं.

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मानदेय नहीं मिलने से परिवार के सामने पैदा हो रहा आर्थिक संकट

जिला आयुर्वेदिक यूनानी चंपावत के उपनल कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें भी एक साल से मानदेय नहीं मिला है. कहा कि बहुत बार district magistrate को भी अवगत कराया जा चुका है बहुत समझाने के बाद भी अपना कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है मनमाने ढंग से उनका वेतन रोका जा रहा है ना उनकी उपस्थिति उपनल कार्यालय को भेजी जाती है ना उनका बिल उपनल कार्य इस कार्यालय से जो आता है उस पर ही कार्रवाई की जा रही है.