स्कूलो की इस लापरवाही के चलते हजारों छात्र हो सकते है परीक्षा देने से वंचित, यहां का का है मामला

Newsdesk Uttranews
3 Min Read

स्कूलो की लापरवाही के चलते हजारों छात्र परीक्षा देने से वंचित रह सकते है। दरअसल कई स्कूलों ने 10वीं और 12वीं में बाहरी जनपदो से प्रवेश लेने वाले छात्रों का ब्यौरा नही भेजा है, इस कारण से यह ​स्थिति पैदा हुई है।

new-modern


UP board के 2022 के होने वाले परीक्षा में एक बड़ी अपडेट सामने आई है। आपको बता दें कि माध्यमिक विद्यालयों में 10वीं व 12वीं में प्रवेश पाने वाले जनपद से बाहर के विद्यार्थियों का ब्योरा अफसरों के पास भेजना है। ये ब्योरा UP board के पास भेजा जाएगा। मगर जिले के तमाम प्रधानाचार्यों ने अपने यहां प्रवेश लेने वाले बाहरी छात्रों का ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया है।

विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले के करीब 10 हजार छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जिनका ब्योरा बोर्ड के पास अभी तक नहीं पहुंच पाया है। इनके परीक्षा देने पर खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि ऐसे बाहरी विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित किया जाएगा, जिनका ब्योरा अफसरों व बोर्ड के पास नहीं जाएगा।

पूर्व में भी board के पास ऐसे विद्यार्थियों की सूचना न पहुंचने से करीब 15 हजार परीक्षार्थियों का परिणाम board ने रोक दिया था। मगर इस बार ऐसे छात्रों को परीक्षा में शामिल ही नहीं किया जाएगा। सूचना न देने वाले कालेजों पर मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई भी की जाएगी।


जिले से बाहर के छात्रों को प्रवेश देने से पहले उनके शैक्षिक दस्तावेज, प्रमाणपत्र, आधार कार्ड आदि अफसरों के पास जमा कराए जाएंगे। साथ ही इस बार हर बाहरी छात्र को प्रवेश देने से पहले डीआइओएस से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है।

पहले हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में 10-10 छात्रों के बाद 11वें को प्रवेश देने पर अफसरों से अनुमति लेने की अनिवार्यता की गई थी। ये सख्ती board की ओर से इसलिए की गई है जिससे विद्यालय संचालक केवल नकल कराने के उद्देश्य से किसी बाहरी छात्र को प्रवेश नहीं दे सकें।

अलीगढ़ जिले के डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि विद्यालयों से बाहरी छात्रों की सूचना आई है। कुछ अभी भी बाहरी छात्रों के प्रमाणपत्र नहीं मुहैया करा रहे। दस्तावेजों के न पहुंचने के चलते अगर किसी विद्यार्थी का भविष्य खराब होता है तो संबंधित संस्थान इसका जिम्मेदार होगा। सभी को अंतिम चेतावनी (warning) जारी की जा चुकी है। तीन दिन में छात्रों का deta उपलब्ध करा दें। जिन विद्यालयों से data नहीं मिलेंगे उनके बाहरी छात्रों के आवेदन निरस्त कराकर उनके खिलाफ मान्यता प्रत्याहरण की संस्तुति कर दी जाएगी।