हाईकोर्ट बेंच के ऋषिकेश स्थानांतरण पर विवाद,वकीलों ने जताया अपना विरोध

Newsdesk Uttranews
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उत्तराखंड हाईकोर्ट की एक बेंच को ऋषिकेश में शिफ्ट करने के प्रस्ताव पर बवाल मच गया है। मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सरकार को हाईकोर्ट की एक बेंच ऋषिकेश में स्थापित करने के लिए जगह का परीक्षण कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद वकीलों में काफ़ी नाराज़गी है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इसका विरोध किया है और इस फ़ैसले को वापस लेने की माँग की है।


बीते दिवस हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी.सी.एस. रावत के नेतृत्व में बड़ी संख्या में वकील मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में पहुँचे और हाईकोर्ट की बेंच ऋषिकेश स्थानांतरित करने के आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए इसे वापस लेने का अनुरोध किया। राज्य वकीलों का कहना है कि राज्य आंदोलन के बाद देहरादून को राजधानी और नैनीताल को हाईकोर्ट के लिए चुना गया था। ऐसे में हाईकोर्ट को नैनीताल से हटाना राज्य आंदोलन की भावना के ख़िलाफ़ होगा।


वकीलों का कहना है कि उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है और यहाँ लोगों के लिए नैनीताल पहुँचना आसान है। ऋषिकेश में बेंच शिफ्ट करने से लोगों को काफ़ी परेशानी होगी। उनका मानना है कि वादकारियों को सुलभ न्याय दिलाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। बेंच शिफ्ट करने की बजाय हाईब्रिड प्रणाली को बेहतर बनाया जाना चाहिए।


काशीपुर के वकीलों ने भी ऋषिकेश में बेंच स्थापित करने के फ़ैसले पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि अगर बेंच स्थापित करनी ही है तो उसे कुमाऊँ में ही स्थापित किया जाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के मेरठ और काशीपुर के वकीलों ने भी कहा है कि उत्तराखंड में हाईकोर्ट बेंच स्थापित करने की कोई ज़रूरत नहीं है। उनका कहना है कि इससे लोगों की परेशानी बढ़ेगी और सरकारी ख़र्चा भी बढ़ेगा। वकीलों ने हाईकोर्ट बेंच को ऋषिकेश स्थानांतरित करने के फ़ैसले पर पुनर्विचार करने की माँग की है।