मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का बड़ा बयान— नागरिकता देने का कानून है सीएए,विरोध करने वाले केवल अर्बन नक्सलाइट

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। शुक्रवार को अल्मोड़ा पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून नागरिकता देने का कानून है। यह किसी की नागरिकता नहीं छीनता है। उन्होंने कहा कि इस कानून का विरोध देश की जनता नहीं बल्कि अर्बन नक्सलाइट कर रहे है। विपक्ष,कांग्रेस और वामपंथी देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं।

अल्मोड़ा में सीएए को लेकर पत्रकारों से वार्ता कर रहे मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि यह भारत की परंपरा रही है यहां शरणागत को शरण हमेशा दी जाती रही है।यहूदी हों,पारसी हो या तिब्बती भारत ने हमेशा शरण में आए लोगों को मान सम्मान के साथ शरण दी है।

उन्होंने कहा कि खुद 1948 में महात्मा गांधी प्रार्थना सभा में पाक में अल्पसंख्यको के साथ हो रहे अत्याचार पर विरोध जताया था और पाकिस्तान से जिम्मेवारी लेने की नसीहत दी थी। उन्होंने नेहरू,सरदार पटेल और अब्दुल कलाम आजाद के बयानों को भी पढ़कर सुनाया।

सीएम ने कहा कि अफगानिस्तान,पाकिस्तान और बग्लादेश इस्लामिक देश हैं यहां अल्प संख्यक हिंदू,सिख ही होगा इसलिए इन देशों के अल्पसंख्यकों को ससम्मान नागरिकता देने का यह कानून है। यह भारत के किसी भी नागरिक की नागरिकता छीनने नहीं जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो विपक्ष के साथ मिलकर लोगों को गुमराह कर रही है उसे बताना चाहिए कि अल्पसंख्यक शरणार्थी को शरण दी जानी चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा कि जनता इसका विरोध नहीं कर रही है बल्कि अर्बन नक्सलाइट देश की जनता,नौजवानों और छात्रों को गुमराह कर रही है। एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ऐसे करीब 200 ही लोग हैं जिन्हें नागरिकता दी जानी है।

उन्होंने कहा कि सीएए का विरोध केवल राजनीतिक कारणों से हुआ जिसके चलते सभी विपक्षी दल एक सुर में प्रलाप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस प्रकार के लोग फैज जैसे शायर की नज्म का दुरूपयोग भी कर रहे हैं। पत्रकार वार्ता में उनके साथ अल्मोड़ा के चारों विधायक रघुनाथ सिंह चौहान,रेखा आर्या,महेश नेगी और सुरेन्द्र सिंह जीना के अलावा बीजेपी जिलाध्यक्ष रवि रौतेला भी मौजूद थे।