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पक्षी पहचान एवं पक्षी विज्ञान पर हरित कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन

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अल्मोड़ा। पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत इनविस सचिवालय के अधीन विश्व वन्यजीव कोष भारत, द्वारा हरित कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत पक्षी पहचान एवं पक्षी विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम पर कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया गया जो कि हरित कौशल विकास के क्षेत्र में रोजगार की सम्भावनाओं को तलाशने में युवाओं के मध्य एक नई पहल है।

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यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्ण रूप से इनविस सचिवालय, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है।
इसी संदर्भ में देश के बहुप्रचलित बाघ संरक्षण केन्द्र जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान रामनगर, नैनीताल, उत्तराखण्ड में पर्यावरण की चुनौतियों को समझने हेतु इनविस स्टॉफ एवं विषय विषेषज्ञों की सहायता से मोहन गांव भाखडा़कोट नदी तक प्रकृति भ्रमण पर ले जाया गया। इस भ्रमण के दौरान विभिन्न पक्षी एवं पशु प्रजातियों का अवलोकन करना, तथा प्रकृति एवं बीजों के प्रर्कीणन में पशु-पक्षियों का योगदान तथा कोसी बैराज से टेढ़ा गांव सीतावनी मार्ग तथा गर्जिया देवी मंदिर से झूला पुल कोसी नदी तक सौरभ करगेती एवं रंजीत मुख्य प्रशिक्षकों द्वारा सभी प्रशिक्षणार्थियों को जानकारी दी गयी।

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इसमें डॉ0 अंकिता सिन्हा, परियोजना वैज्ञानिक, जी.बी.पी.एन.आई.एच.ई. कोसी अल्मोड़ा द्वारा पश्चिमी हिमालय के पक्षीः पहचान, विविधता एंव संरक्षण विषय पर ऑन लाइन के माध्यम से जानकारी दी गयी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सभी प्रशिक्षणार्थियों के बाघों के आवास के विभिन्न परिदृश्य एवं पारिस्थितक तंत्र में इनके योगदान आदि को समझने हेतु सफारी भ्रमण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण के दौरान पांच दुर्लभ, कुल 60 पक्षी प्रजातियांं का अवलोकन एवं प्रशिक्षणार्थियों द्वारा इनकी सूची भी तैयार की गयी। इस कार्यक्रम में डॉ0 जी. अरेन्द्रन निदेशक, विश्व वन्यजीव कोष, भारत की टीम के सदस्य राजीव कुमार कार्यक्रम अधिकारी, संदीप सूचना अधिकारी आदि सम्मिलित थें।