भारत में एक बार फिर से बर्ड फ्लू ने दी दस्तक, जाने इसके लक्षण और बचाव के बारे में

Smriti Nigam
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बर्ड फ्लू टाइप ए इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से फैलता है। यह वाइरस बत्तख,मुर्गी जैसे कुछ पोल्ट्री फार्म वाले जानवरों के लिए हानिकारक होता है। हालांकि ये इंसानों को भी प्रभावित करता है। भारत में एक बार फिर से वर्ल्ड फ्लू फैलने के बारे में बताया जा रहा है और इसके बाद लोग काफी चिंतित भी हो गए हैं। बर्ड फ्लू का मामला केरल में सबसे पहले सामने आया है।

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इसकी बीमारी बत्तखों में पाई गई है। फिलहाल इंसानों पर इसका अभी कोई असर नहीं हुआ है लेकिन सरकार की तरफ से इसे रोकने के लिए सावधानी निर्देश दिए जा रहे हैं आईए जानते हैं क्या है। इसके लक्षण और कैसे हो कर सकते हैं इससे बचाव

क्या है बर्ड फ्लू?

बर्ड फ्लू यानी कि एवियन इन्फ्लूएंजा, ये टाइप ए इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से फैलता है। H5N1 वायरस का मौजूदा स्ट्रेन है जो भारत को प्रभावित कर रहा है। यह ज्यादातर पक्षियों के लिए घातक होता है। आमतौर पर जंगली पक्षियों के जरिए यह पालतू पक्षियों में जाता है यह वाइरस बत्तख मुर्गी जैसे पोल्ट्री फार्म वाले जानवरों के लिए हानिकारक होता है। हालांकि यह इंसानों को भी प्रभावित करता है यह इंसानों में तब पड़ता है जब कोई संक्रमित पक्षी के संपर्क में आता है।

यह वायरस पक्षियों की आंतों या श्वसन तंत्र पर हमला करता है और उन्हें बीमार करता है। ऐसे में कई बार पक्षियों की मौत भी हो जाती है। अगर कोई व्यक्ति पक्षी की देखभाल करता है और बीमार पक्षी के मल के संपर्क में आ जाता है तो इससे वह भी संक्रमित हो सकता है यह वायरस कच्चे चिकन में भी मौजूद होता है।

इंसानों में बर्ड फ्लू की चपेट में आने के लक्षण

बुखार
खांसी
गला खराब होना
थकान
सांस लेने में कठिनाइयां
मांसपेशियों में दर्द
ऑर्गन फेलियर निमोनिया

बर्ड फ्लू के खतरे से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

टीकाकरण जरूर कराएं।

ऐसे क्षेत्र में जाने के बाद हमेशा हाथ धोएं जहां पक्षी या अन्य वन्य जीव रहते हैं।

पोल्ट्री फार्म में अगर काम करते हैं तो हर वक्त ग्लव्स, फुल बाजू के कपड़े पहनें

अपने हाथों को हैंड सैनिटाइजर से अच्छी तरह से धोएं।

पक्षियों वन्य जीव और उनके मल से अपने पालतू जानवर को दूर रखें।

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