Bombay High court का बड़ा फैसला, physical relation के बाद शादी से इनकार करना धोखाधड़ी नहीं

Newsdesk Uttranews
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लंबे समय तक physical relation बनाने के बाद यदि कोई शादी करने से मना कर देता है तो उसे धोखाधड़ी नहीं माना जा सकता। निचली अदालत की ओर से एक युवक को दोषी ठहराए जाने के फैसले को पलटते हुए Bombay High court ने यह टिप्पणी की है।

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क्या है पूरा मामला

पालघर के रहने वाले काशीनाथ घरात के खिलाफ girlfriend की शिकायत पर police ने धारा 376 और 417 के तहत बलात्कार और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। Girlfriend का आरोप था कि काशीनाथ ने शादी का वादा करके उससे physical relation बनाए और फिर वादे से मुकर गया। इस मामले में 19 February, 1999 को अतिरिक्त सेशन जज ने काशीनाथ को रेप के आरोप से बरी कर दिया था, लेकिन धोखाधड़ी का दोषी करार दिया था।

अदालत ने काशीनाथ को 3 साल तक शादी का वादा कर संबंध बनाने और फिर मुकर जाने के आरोप में 1 साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई थी। घरात ने इस order को Bombay High court में चुनौती दी थी, जहां जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई की सिंगल बेंच ने उसे धोखाधड़ी के आरोप से भी मुक्त कर दिया। जस्टिस प्रभुदेसाई ने कहा कि तथ्य यह बताते हैं कि महिला और आरोपी के बीच 3 साल लंबी physical relation चली और दोनों का affair था। जस्टिस ने कहा कि महिला के बयानों से यह साबित नहीं होता है कि वह किसी तरह के धोखे में रखी गई थी।

Case की सुनवाई के दौरान High court ने ऐसे मामलों में उच्चतम न्यायालय के फैसलों का भी जिक्र किया। इसके आगे Court ने कहा कि यह साबित होना चाहिए कि महिला के सामने शादी का वादा करते हुए गलत तथ्य रखे गए थे और बाद में वे बातें गलत साबित हुईं। Court ने कहा कि दो बातें साबित होनी चाहिए, पहली यह कि गलत जानकारी देकर शादी की बात की गई थी। दूसरी यह कि वादा ही गलत था और उसके बहकावे में आकर ही महिला physical relation के लिए राजी हो गई थी।

गलत जानकारी देकर physical relation बनाने का नहीं मिला सबूत

High court ने कहा कि इस मामले में इस बात का कोई सबूत नहीं मिलता है कि आरोपी महिला के साथ शादी नहीं करना चाहता था। यहां यह बात साबित करने के लिए पर्याप्त तथ्य नहीं है कि महिला को गलत जानकारी देकर आरोपी ने physical relation के लिए राजी किया था। ऐसे में उसे लंबे relationship के बाद शादी से इनकार करने के लिए धोखाधड़ी का दोषी नहीं माना जा सकता।