Almora- किसान आंदोलन के समर्थन में किये गये वर्चुवली कार्यक्रम

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा, 26 मई 2021
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 26 मई को आयोजित किये गये अखिल भारतीय प्रतिवाद दिवस के समर्थन में अल्मोड़ा (Almora) में भी वर्चुवली कार्यक्रम आयोजित किये गये।

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इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि 26 मई का कार्यक्रम दिल्ली के बार्डरों किसान आंदोलन के छह महीने होने के मौके पर किया जा रहा है और देश की सभी ट्रेड यूनियनों और विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने 26 मई के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का समर्थन किया है। संगठनों ने इसे काला दिवस के रूप में मनाया।

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वक्ताओं ने कहा कि 26 मई को काला दिवस के रूप में मनाए जाने का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि इसी दिन 2014 में भाजपा की मोदी के नेतृत्व की सरकार का गठन हुआ था और आज ही के दिन सात वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने शपथ ली थी। और आज ही के दिन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन ने 6 माह पूरे कर लिये है।

विपक्षी पार्टियों और जनसंगठनों ने कहा कि वे किसान आंदोलन और उसकी मांगों का समर्थन करते हैं। छह महीने से जिस मजबूती के साथ किसान इस आंदोलन को चला रहे हैं, उसको सलाम करते हैं।

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विपक्षी पार्टियों और जनसंगठनों का आरोप है कि कोरोना महामारी के चरम के बीच भी किसानों की वाजिब मांगों के बारे में केंद्र सरकार उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाए हुए है। किसान संगठन सरकार से वार्ता की मांग कर चुके हैं। केंद्र सरकार को तत्काल किसानों से वार्ता करनी चाहिए और अविलंब तीनों काले कृषि क़ानूनों को वापस लेना चाहिए।

विपक्षी पार्टियों ने कहा कि मोदी सरकार जितने बड़े-बड़े वायदे करके सत्ता में आई थी,वह उन्हें पूरा करने में नाकाम रही है। उसका शासन किसानों, मजदूरों, नौजवान, छात्र, महिला, कर्मचारी, छोटे व्यवसाइयों का विरोधी और कॉर्पोरेट परस्त रहा है।

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जिस कारण जनता महंगाई, बेरोजगारी तथा भूखमरी के कगार में लाकर खड़ी कर दी गई है। तमाम जनसंगठनों ने काले दिवस पर तीनों कृषि कानून वापस लेने, चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने, निजीकरण खत्म किये जाने, सभी नागरिकों को मुफ्त और सार्वभौमिक टीकाकरण प्रदान करने, पीएम केअर फण्ड का उपयोग ऑक्सीजन, अच्छे वेंटिलेटर, दवाएं तथा जन स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार किये जाने, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने,

सभी जरूरतमंदों को छह माह तक 10 किलो राशन मुहैया कराए जाने, निजी क्षेत्र में रोजगार हानि पर मुआवजा दिए जाने, छात्रों की फीस माफ किये जाने, गरीब व कमजोर तबकों के छात्रों को सभी शैक्षणिक सुविधा मुफ्त दिए जाने, आयकर की श्रेणी से बाहर परिवारों के खातों में 7500 रुपया खाते में दिए जाने, सभी आंदोलनकारियों को तत्काल रिहा किये जाने संबंधित मांग की।

विरोध दिवस में जनवादी महिला समिति की मुन्नी प्रसाद, राधा नेगी, पूनम तिवारी, भावना तिवारी, भगवती तिवारी, गीता पांडे, नीमा देवी, सुनीता पांडे, ममता आर्या, वसुधा पंत भावना जोशी, चन्दा राणा, आशा, प्रेमा पांडे जनवादी नौजवान सभा के यूसुफ तिवारी, मुमताज़ अख्तर, योगेश टम्टा, किसान सभा के अरुण जोशी, किशन भंडारी, नंदबल्लभ जोशी, डुंगर सिंह भाकुनी, शेर सिंह भाकुनी, रघुवर दत्त जोशी, ईश्वर जोशी, दीपक जोशी, दिनेश पांडे आर सी उपाध्याय, शिवराज सिंह, शंकर लाल टम्टा, मुकेश जोशी, सीटू के आर पी जोशी, महेश आर्या, दया कृष्ण, गोविंद सिंह, किशन सिंह, बलवंत सिंह, सुशील जोशी, आर पी जोशी के अतिरिक्त अनेक पीटीसी, भोजनमाता संगठन, आशा कार्यकर्तियों, ग्राम प्रहरी संगठनों ने अपना समर्थन व्यक्त किया।

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