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पहाड़ के हालात— अल्मोड़ा के तीन माध्यमिक स्कूल सहित कुमांऊ में 7 स्कूल होंगे बंद(7 schools will be closed)

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7 schools will be closed in Kumaon including three secondary schools of Almora

उत्तरा न्यूज डेस्क— राज्य बनने के बाद सरकारी स्कूलों की हालत सुधर नहीं पा रही है। जिस तेजी से सरकारों ने यहां स्कूल खोले या उच्चीकरण किया उसी स्पीड से छात्र संख्या कम होने की बात कहते हुए इन स्कूलों को बंद करने की कवायद होने लगी है(7 schools will be closed)।

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सरकारी स्कूलों में तेजी से घट रही छात्र संख्या के चलते कुंमाऊ मंडल के सात माध्यमिक विद्यालयों को शासन स्तर से बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं (7 schools will be closed)। शिक्षा विभाग के मंडलीय कार्यालय की ओर से नए सत्र में बंदी की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
यहीं नहीं कुमांऊ मंडल के छह जनपदों के 48 सरकारी और 5 सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों पर बंद होने की तलवार लटकी हुई है।

यूं तो पूरे पहाड़ में सरकारी विद्यालयों की स्थिति लगातार बदतर हो रही है। छात्र संख्या में तेजी से हो रही गिरावट के चलते कुमाऊं के 7 विद्यालय बंद करने का निर्णय लिया गया है। जो निर्णय लिया गया है उसके अनुसार इसमे अल्मोड़ा जिले के तीन और पिथौरागढ़ के 3 तथा नैनीताल का एक विद्यालय शामिल हैं। यानि नैनीताल का राउमावि मोटाहल्दू नैनीताल,राउमावि खोला अल्मोड़ा,राउमावि चायखान अल्मोड़ा,राउमावि बेड़ा पिथौरागढ़,राउमावि पंथयूड़ी पिथौरागढ़,राउमावि सतगढ़ पिथौरागढ़, राकउमावि मानिला अल्मोड़ा बंद हो जाऐगे। यहां छात्र संख्या शून्य बताई जा रही है।
एडी कुमाऊं लीलाधर व्यास ने इसकी पुष्ठी की हैं। उन्होंने कहा कि शासन स्तर से न्यूनतम छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। लगातार गिर रही छात्र संख्या के चलते नए सत्र में कुमाऊं मंडल के संबंधित विद्यालय बंद कर दिए जाएंगे।

​60 शिक्षक और कर्मचारी अन्यत्र होंगे शिफ्ट

शासन स्तर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। मंडलीय कार्यालय की ओर से शून्य छात्र संख्या वाले इन स्कूलों के संचालन को नए सत्र में बंद कर दिया जाएगा(7 schools will be closed)। इन विद्यालयों में कार्यरत करीब 60 शिक्षक-कर्मचारियों को अन्यत्र शिफ्ट करने की कवायद की जाएगी।

कुमांऊ में 48 विद्यालयों में छात्र सख्या 30 से कम, 100 कम छात्र संख्या वाले विद्यालय 200 पहुंची

इसके अलावा कुमाऊं में 48 विद्यालय ऐसे हैं, जिनकी छात्र संख्या 30 से कम पहुंच गई है। माना जा रहा है कि यह विद्यालय भी जल्द बंद होने के कगार पर पहुंच जाएंगे। जबकि वर्तमान में 150 विद्यालयों की छात्र संख्या 50 से कम है। 100 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की संख्या 200 पहुंच गई है। ऐसे में सरकार तथा शिक्षा महकमे को छात्र संख्या बढ़ाए जाने को लेकर विशेष पहल करनी होगी। स्वाभाविक है कि निजी स्कूलों के इस दौर में सरकारी विद्यालयों में खास तौर पर पढ़ाई के स्तर में सुधार करना होगा।

खूब फलफूल रहें हैं निजी स्कूल, धड़ल्ले से मिल रही है मान्यता

सरकारी स्कूल जहां कम छात्र संख्या होने के चलते बुरे दौर से गुजर रहे हैं वहीं निजी स्कूल खूब फल—फूल रहें हैं, उन्हें धड़ल्ले से मान्यता भी दी जा रही है। जबकि छात्र संख्या में गिरावट के चलते सरकारी विद्यालय बंद किए जा रहे हैं (7 schools will be closed), तो वहीं लगातार निजी विद्यालयों को मान्यता दी जा रही है। इसके अलावा पठन-पाठन के स्तर में भी सुधार करने की जरूरत है। सरकारी स्कूलों में वेल क्वालीफाइड शिक्षक होने के बावजूद निजी स्कूलों का रिजल्ट बेहतर रहता है। इस ओर भी गंभीरता से सोचना होगा।