Pithoragarh- विज्ञान केवल प्रयोगशाला तक सीमित नहीं: डीईओ

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पिथौरागढ़। जिला शिक्षा अधिकारी डीसी सती ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान केवल प्रयोगशाला तक सीमित नहीं है। प्रतिदिन सुबह उठने से लेकर देर शाम तक विज्ञान के कई प्रयोग हम अपने किचन या घर के अन्य कामों में करते हैं, परंतु विज्ञान विषय को कठिन विषय समझते रहे हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञान हमें क्या, क्यों तथा कैसे सवाल उठाने के लिए प्रेरित करता है।

जिला शिक्षा अधिकारी सती मंगलावर को बालप्रहरी पत्रिका तथा भारत ज्ञान विज्ञान समिति की ओर से सरस्वती देवसिंह राजकीय इंटर कॉलेज पिथौरागढ़ में आयोजित समर कैंप में लेखन कार्यशाला के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि बच्चों को संबोधित कर रहे थे।

डीईओ सती ने बच्चों को विज्ञान व वैज्ञानिक अवधारणा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने हरेले में बोए जाने वाले बीजों तथा हरेले के पीलेपन के बारे में बातचीत की। बालप्रहरी की ओर से आयोजित कार्यशाला की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में भी बच्चों को रुचिपूर्ण व आनंददायी शिक्षा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बच्ची काजल द्वारा तैयार दीवार अखबार ‘सुंदरता’ का लोकार्पण करते हुए बच्चों के प्रयास की सराहना की।

कार्यशाला में एसडीएस राइका पिथौरागढ़ के प्रधानाचार्य पुष्पराज भट्ट, कहानीकार प्रकाशचंद्र पुनेठा, बाल साहित्यकार ललित शौर्य, एसडीएस के हिंदी प्रवक्ता नवीन जोशी, केवी की सेवानिवृत्त हेड टीचर माया पंत, नन्हीं चैपाल के संस्थापक विप्लव भट्ट ने भी बच्चों से संवाद किया। कार्यशाला के संयोजक शिक्षक, साहित्यकार रमेश चंद्र जोशी ने सबका आभार व्यक्त किया।

बालप्रहरी के संपादक उदय किरौला ने बच्चों को निबंध लेखन के गुर बताए। निबंध सत्र के पहले चरण में बच्चों ने सभागार में दिख रहे पंखे, चटाई, चश्मे, दरवाजे, खिड़की आदि वस्तुओं पर निबंध लिखा। उन्होंने कहा कि निबंध साहित्य की वह विधा है, जिसमें लेखन में कोई बंधन नहीं होता है। ‘निबंध’ शब्द की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा नि का अर्थ नहीं तथा बंध का अर्थ बंधन से है। उन्होंने कहा कि पैन पर निबंध लिखने के लिए प्रस्तावना के तहत सबसे पहले पैन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि उसके बाद पैन के आकार-प्रकार, पैन के भाग, पैन के लाभ व हानियां तथा अंत में उपसंहार के तहत पूरा सार लिखना होता है। उसके बाद बच्चों ने ‘पिथौरागढ’ के बारे में मेरा सपना’ विषय पर निबंध लिखा। जिसमें हार्दिक जोशी, निकिता ठाकुर, रिया धामी व सुभान का निबंध विशेष रूप से सराहा गया।

साहित्यकार महेश पुनेठा ने बच्चों को कई कविताएं सुनाई। उन कविताओं पर बच्चों ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किए। शिक्षक पुनेठा ने कहा कि आज के दौर में कविता के साथ ही अकविता यानी छंद रहित कविताएं भी प्रचलन में आ रही हैं।
मंगलवार को अंग्रेजी में ए से प्रारंभ होने शब्द लेखन, जिन शब्दों में ए नहीं होता है तथा पहाड़ा लिखो प्रतियोगिता में अव्वल रहे बच्चों को पुरस्कार में बाल साहित्य दिया गया। बच्चों को तोता कहता है’, जैसा मैं करूं, कितना बड़ा पहाड़ तथा कितने भाई कितने तथा तगड़ी चिकन आदि खेल कराए गए। बच्चों ने हस्तलिखित पुस्तक के लिए मेरा परिचय, मेरे जीवन की घटना, हमारा पिथौरागढ़, मेरा गांव, चुटकुले तथा कुमाउनी पहेलियां तैयार की।

कार्यशाला में सरस्वती देवसिंह राजकीय इंटर कॉलेज, जूनियर हाईस्कूल मंडप, जूनियर हाईस्कूल तिलढूकरी, राजकीय बालिका इंटर कालेज ऐंचोली, बीयरशिबा स्कूल, मानस पब्लिक स्कूल, द एक्सीलेंस फाउंडेशन पब्लिक स्कूल बिण आदि स्कूलों के 65 बच्चे प्रतिभाग कर रहे हैं।
इस अवसर पर हूंदराज बलवाणी, श्यामपलट पांडेय, शील कौशिक, राजा भैया, राजा चैरसिया, जयसिंह आशावत, सुशीला शर्मा, सुधा भार्गव, महेश कुमार, राजकुमार निजात, डा राजकुमार जैन आदि साहित्यकारों द्वारा बाल प्रहरी को भेजी गई पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई। ये पुस्तकें बच्चों को पुरस्कार में दी जा रही हैं। मंगलवार को सरस्वती देवसिंह राजकीय इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य व मानस एकेडमी पिथौरागढ़ के चेयरमैन डाॅ अशोक कुमार पंत के सौजन्य से बच्चों को जलपान कराया गया। इस अवसर पर दीप्ति मिश्रा, नवीन जोशी, अजरा जुनैद, बसंती जोशी, परमेश्वरी शर्मा, सृष्टि बोरा आदि उपस्थित थे।