CBSE School Admission: सीबीएसई में एडमिशन को लेकर अब पेरेंट्स हुए परेशान, ऐज लिमिट को लेकर हुआ बवाल, जाने पूरी बात

Smriti Nigam
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CBSE School Admission: सीबीएसई बोर्ड का शैक्षिक सत्र अगले महीने से शुरू हो जाएगा। इसी बीच सीबीएसई ने एडमिशन को लेकर नए-नए नियम लागू कर दिए हैं। सीबीएसई स्कूल में कक्षा एक में प्रवेश करने के लिए आयु सीमा को निर्धारित कर दिया गया है।

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CBSE School Admission: सीबीएसई बोर्ड यानी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एक राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड है जिसके देश में 24000 से भी अधिक स्कूल है। हर साल इस बोर्ड से लाखों बच्चों सीबीएसई 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा भी देते हैं। फिलहाल सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं खत्म हो रही है और इसके रिजल्ट आने का भी इंतजार शुरू हो गया है। सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं 2024 और सीबीएसई रिजल्ट 2024 के बीच का यह समय पहली कक्षा से एडमिशन का भी होता है।

बताया जा रहा है हैदराबाद में सीबीएसई स्कूल के बच्चों के एडमिशन को लेकर काफी हंगामा मचा हुआ है। दरअसल हैदराबाद में सीबीएसई स्कूल में कक्षा एक के दाखिले के लिए नई आयुसीमा के नियम को लागू कर दिया गया है और उसकी एडमिशन फीस भी बढ़ा दी गई है जिससे अभिभावक नाराज हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य में स्कूल फीस पर कोई भी रोक नहीं लगी है।

सीबीएसई स्कूल के अधिकारियों ने प्रवेश शुल्क में 10% की वृद्धि के साथ-साथ कक्षा एक में प्रवेश के लिए नई आयु सीमा भी निर्धारित कर दी है। बताया जा रहा है कि कुछ स्कूलों में प्रवेश शुल्क में 10 से 30% तक की बढ़ोतरी की गई है जिसमें कक्षा एक के लिए 70000 रुपए से ₹80000 तक की फीस देनी पड़ रही है। हैदराबाद में सीबीएसई और राज्य बोर्ड के स्कूलों के बीच बच्चों की आयु सीमा में भी विसंगति है। सीबीएसई ने एसएससी के लिए पांच की तुलना में कक्षा I के लिए न्यूनतम आयु छह वर्ष निर्धारित की।

ऐसे में हैदराबाद के अभिभावकों का तर्क है कि सीबीएसई स्कूल में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए 6 साल की आयु सीमा का कोई नियम नहीं है लेकिन स्कूलों द्वारा इस हाल ही में लागू किया गया है। अब सभी पेरेंट्स का कहना है कि सीबीएसई बोर्ड और एसएससी बोर्ड के स्कूलों में आयु का नियम एक जैसा होना चाहिए। पेरेंट्स से शिक्षा विभाग से इस मुद्दे के बारे में तुरंत समाधान भी मांगा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार हैदराबाद पेरेंट्स एसोसिएशन का कहना है कि अधिकांश निजी स्कूल विशेष रूप से सीबीएसई स्कूल वाले स्कूल नवंबर या दिसंबर तक प्रवेश पूरा कर लेते हैं और बाद में इसकी संभावना काफी कम बचती है। पेरेंट्स के लाख विरोध और शिकायतों के बावजूद फीस को लेकर कोई सरकारी हस्तक्षेप नहीं किया जाता है।