पूर्व सांसद विवेकानंद रेड्डी की हत्या के गवाह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

Newsdesk Uttranews
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अमरावती, 9 जून (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं सांसद वाई. एस. विवेकानंद रेड्डी की सनसनीखेज हत्या मामले के गवाह कल्लूरी गंगाधर रेड्डी की अनंतपुर जिले में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।

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49 वर्षीय व्यक्ति की बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात को यादिकी गांव स्थित उसके घर में नींद में मौत हो गई। इसके बाद उसके परिवार के सदस्यों ने पुलिस को सूचित किया।

पुलिस मौके पर पहुंची और घर व आसपास से सुराग जुटाए गए। बाद में शव को पोस्टमार्टम के लिए तदिपत्री भेज दिया गया।

पुलिस ने संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

विवेकानंद की हत्या की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गंगाधर रेड्डी से पूछताछ की थी। एजेंसी ने उनसे तीन बार पूछताछ की थी।

गंगाधर रेड्डी कडप्पा के सांसद वाई. एस. अविनाश रेड्डी के करीबी सहयोगी और हत्या के मामले में आरोपी देवीरेड्डी शंकर रेड्डी के समर्थक थे। वह दो बार अनंतपुर के पुलिस अधीक्षक से मिलकर शिकायत कर चुके थे कि उन्हें उनकी जान का खतरा है। उन्होंने पुलिस से उन्हें सुरक्षा प्रदान करने की भी मांग की थी।

पिछले साल नवंबर में, उन्होंने अनंतपुर जिले के एसपी से शिकायत की थी कि सीबीआई उन पर अदालत में बयान देने के लिए दबाव डाल रही है कि विवेकानंद रेड्डी के भतीजे और कडप्पा के सांसद अविनाश रेड्डी और एक अन्य आरोपी गंगी रेड्डी ने उन्हें 10 करोड़ रुपये का भुगतान करने की पेशकश की है, यदि वे स्वीकार कर लेते हैं कि उन्होंने ही हत्या की है।

गंगाधर रेड्डी कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला कस्बे में एक उपद्रवी था। वह अनंतपुर जिले के यादिकी में शिफ्ट हो गया था और वहीं बस गया था।

देवीरेड्डी शंकर रेड्डी के एक प्रमुख समर्थक के रूप में, वह विभिन्न आपराधिक मामलों में शामिल था। इनमें 2007 का डबल मर्डर केस भी शामिल है।

मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी के चाचा विवेकानंद रेड्डी को चुनाव से कुछ दिन पहले 15 मार्च, 2019 को कडप्पा में उनके आवास पर मृत पाया गया था।

68 वर्षीय पूर्व राज्य मंत्री और पूर्व सांसद अपने घर पर अकेले थे, जब अज्ञात लोगों ने घुसकर उनकी हत्या कर दी थी। कडप्पा में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान की शुरूआत करने से कुछ घंटे पहले उनकी हत्या कर दी गई थी।

हालांकि तीन विशेष जांच टीमों (एसआईटी) ने जांच की, लेकिन वे रहस्य को सुलझाने में विफल रहे।

कुछ रिश्तेदारों पर संदेह जताने वाली विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता की याचिका पर सुनवाई करते हुए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने 2020 में मामले की जांच अपने हाथ में ली थी।

सीबीआई ने 26 अक्टूबर, 2021 को हत्या के मामले में आरोप पत्र दायर किया था और इसके बाद 31 जनवरी, 2022 को पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था।

–आईएएनएस

एकेके/एएनएम

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