दुष्कर्मी को मौत के घाट उतारने वाली राजस्थान की नाबालिग लड़की के समर्थन में अधिकांश भारतीय: सर्वे

Newsdesk Uttranews
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नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)। देश में दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। अभियुक्तों को दंडित करने की न्यायिक प्रक्रिया अक्सर लंबे समय तक चलती हैं, जिसका दंश जघन्य अपराध की शिकार होने वाली पीड़िता को ही झेलना पड़ता है।

इस पृष्ठभूमि को देखते हुए, राजस्थान में हाल ही में हुए दुष्कर्म के बाद एक नई बहस छिड़ गई है। राज्य में एक 13 वर्षीय लड़की ने उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म करने वाले की हत्या कर दी, जिससे यह घटना कई हलकों में बहस का विषय बन गई है।

खबरों के मुताबिक, राजस्थान के अलवर में एक शख्स 13 साल की बच्ची के साथ कई महीनों से बार-बार रेप कर रहा था और अश्लील वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल भी कर रहा था। इससे तंग आकर लड़की ने उसकी उस समय गला घोंटकर हत्या कर दी, जब वह शराब के नशे में था। राजस्थान में पुलिस ने लड़की को गिरफ्तार कर लिया है।

हालांकि, अधिकांश सामान्य भारतीयों का मानना है कि लड़की ने उस व्यक्ति की हत्या करके सही काम किया।

इस मुद्दे पर जनता की राय जानने के लिए आईएएनएस की ओर से सीवोटर द्वारा किए गए एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के दौरान यह खुलासा हुआ, जिसे अन्य विवादों के कारण मीडिया का ज्यादा ध्यान नहीं मिला।

सर्वेक्षण में देश के सभी शैक्षिक, सामाजिक आर्थिक और आय समूहों को शामिल किया गया। कुल मिलाकर, 74 प्रतिशत उत्तरदाताओं (सर्वे में शामिल लोग) की राय है कि लड़की ने उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म करने वाले शख्स की हत्या करके सही काम किया है, जबकि 24 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने महसूस किया कि इसके बजाय उसे पुलिस से संपर्क करना चाहिए था।

राजनीतिक विचारधारा को एक तरफ रखते हुए लोगों ने अपनी इस भावना को व्यक्त किया है। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के 77 फीसदी समर्थकों ने महसूस किया कि लड़की ने सही काम किया है, वहीं करीब 72 फीसदी विपक्षी मतदाताओं ने भी यही भावना साझा की है। आश्चर्यजनक रूप से, 77 प्रतिशत पुरुष उत्तरदाताओं ने महसूस किया कि लड़की ने सही काम किया, जबकि लगभग 70 प्रतिशत महिला उत्तरदाताओं ने समान प्रतिक्रिया व्यक्त की।

दुष्कर्म जैसा जघन्य अपराध करने वालों के लिए सजा हाल ही में बहस का एक प्रमुख विषय बन गया था, जब सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने 2013 में 9 साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के दोषी व्यक्ति की मौत की सजा को कम कर दिया था। अदालत ने यह कहते हुए सजा कम की थी कि आरोपी को सुधार का एक मौका मिलना चाहिए।

–आईएएनएस

एकेके/एएनएम

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