आज से जलौनी लकड़ी के लिए चौड़ी पत्ती के पेड़ों को प्रयोग नहीं करेंगे सूरी के ग्रामीण

उत्तरा न्यूज डेस्क
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विश्व पर्यावरण दिवस पर सूरी में लिया गया सामुहिक निर्णय
अल्मोड़ा। विश्व पर्यावरण दिवस पर सूरी में आयोजित एक गोष्ठी में ग्रामीणों ने जंगलों में लग रही आग पर चिंता जताई और पर्यावरण संरक्षण के लिए आज से जलौनी लकड़ी के उपयोग में चौड़ी पत्ती के पेड़ों का उपयोग नहीं करने का निर्णय लिया।


इस गोष्ठी की अध्यक्षता प्रधान दीपा देवी तथा संचालन गजेन्द्र कुमार पाठक ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में वन क्षेत्राधिकारी संचिता वर्मा उपस्थित रहीं। महिलाओं नें मिश्रित जंगलों को कटान तथा आग से हो रहे नुकसान से पर्यावरण को हो रही हानि पर चिंता जताई। उपस्थित महिलाओं ने सामुहिक रूप से निर्णय लिया कि जंगलों को आग से बचाने के लिए फरवरी माह तक ओण जलाने का काम पूरा कर लिया जायेगा ,ताकि जंगलों में आग न फैले। साथ ही केवल चीङ की शाखाओं का प्रयोग जलौनी लकड़ी के रूप में किया जायेगा। जबकि बांज ,बुरांस ,काफल ,आदि चौड़ी पत्ती प्रजाति पेङो का उपयोग जलौनी लकड़ी के रूप में नहीं किया जायेगा । इसके अलावा नुकसान करने वालों को रोकने के पूरे प्रयास करने के भी निर्णय लिए गए।


वन विभाग की तरफ से वन क्षेत्राधिकारी संचिता वर्मा नें सूरी की महिलाओं के पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया । कार्यक्रम में सरपंच भूपाल सिंह परिहार ,वन बीट अधिकारी आनन्द परिहार ,जगत सिंह अनूप सिंह शांति देवी दीपा देवी आदि उपस्थित थे ।