पिथौरागढ़ में समर कैंप, बच्चों ने की मस्ती

उत्तरा न्यूज टीम
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पिथौरागढ़। अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी तथा भारत ज्ञान विज्ञान समिति के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को सरस्वती देवसिंह राजकीय इंटर कॉलेज पिथौरागढ़ में पांच दिवसीय समर कैंप की शुरुआत हो गई।, जिसमें लेखन कार्यशाला के पहले दिन बच्चों ने खूब मस्ती की। ‘तोता कहता है’, ‘जैसा मैं करूं’ तथा ‘कितने भाई कितने’ आदि खेलों में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।


इससे पूर्व कार्यशाला की शुरुआत ‘ज्ञान का दीया जलाने चल पड़ा है काफिला’ समूह गीत से हुई। अध्यक्ष मंडल में स्नेहा, भावेश, किरन, मीनाक्षी, हार्दिक आदि बच्चों को जोड़ा गया। बतौर मुख्य अतिथि पुष्पराज भट्ट प्रधानाचार्य सरस्वती देवसिंह इंटर कालेज ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास में गैर शैक्षणिक गतिविधियां बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। ऐसी कार्यशालाओं से जहां बच्चों की प्रतिभा निखरती है, वहीं एक-दूसरे को देखकर बच्चे काफी कुछ सीखते हैं। उन्होंने कहा कि आज पढ़ने पढ़ाने की संस्कृति का ह्रास हो रहा है। इसके लिए बच्चों को दोष दिया जाना ठीक नहीं है। एक साहित्यकार, शिक्षक व अभिभावक बन हम लोग पढ़ने की आदत विकसित करेंगे तो बच्चों में स्वयं इस आदत का विकास होगा।


कार्यशाला के मुख्य संयोजक तथा बालप्रहरी के संपादक उदय किरौला ने कहा कि 5 दिन की कार्यशाला में बच्चों को खेल खेल में कहानी, कविता, यात्रा वृतांत, पहेली व चुटकुले आदि साहित्य की विभिन्न विधाओं के साथ ही उन्हें नुक्कड़ नाटक तथा समूह गीत आदि से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक वे देश के 16 राज्यों में बच्चों की 5 दिवसीय 285 कार्यशालाएं आयोजित कर चुके हैं। कार्यशाला में बच्चों द्वारा तैयार कविता व ड्राइंग आदि को बालप्रहरी में प्रकाशित किया जाएगा। प्रत्येक बच्चे की लगभग 15 पृष्ठ की हस्तलिखित पुस्तक तैयार की जाएगी। सभी बच्चों की रचनाओं को जोड़ते हुए ‘पिथौरागढ़ दर्पण’ हस्तलिखित पत्रिका तैयार की जाएगी। समापन समारोह में आयोजित बाल कवि सम्मेलन में बच्चे कुमाउनी में लिखी कविताएं पढ़ेंगे। बाल कवि सम्मेलन का संचालन, मुख्य अतिथि व अध्यक्ष बच्चे ही होंगे। आयोजक मंडल की ओर से रमेश जोशी ने सभी का आभार व्यक्त किया।


आज संपन्न नाम लेखन प्रतियोगिता में हार्दिक जोशी, भावेश पंत, विनय पंत शब्द लेखन में मीनाक्षी, शैलजा, भावेश तथा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में शैलजा भट्ट, करन कुमार, हार्दिक जोशी क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान पर रहे। कार्यशाला के प्रथम दिन बच्चों ने कविता लेखन के गुर सीखे। इस सत्र में सबसे पहले बच्चों ने अपनी पाठ्यपुस्तक की कविताएं सुनाई। उसके बाद बच्चों से पूछा गया कि इसे कविता क्यों कहते हैं। बच्चों ने बताया कि कविता के अंत में मिलते जुलते शब्द यानी तुक होते हैं। कविता में कवि के भाव होते हैं। कविता में लय व शीर्षक होता है आदि बच्चों ने अपनी अपनी बात रखी
। उसके बाद उदय किरौला, महेश पुनेठा, रमेश जोशी, नवीन जोशी आदि ने बच्चों को कविता की बारीकियां बताई।


साहित्यकार, शिक्षक व देशभर में दीवार अखबार की अवधारणा पहुंचाने वाले महेश पुनेठा ने बच्चों को दीवार अखबार की जानकारी दी। कार्यशाला में सरस्वती देवसिंह राजकीय इंटर कॉलेज, जूनियर हाईस्कूल मंडप, जूनियर हाईस्कूल तिलढूकरी, राजकीय बालिका इंटर कालेज ऐंचोली, मानस पब्लिक स्कूल, द एक्सीलेंस फाउंडेशन पब्लिक स्कूल बिण आदि स्कूलों के 65 बच्चों ने प्रतिभाग किया। आज केंद्रीय विद्यालय की सेवानिवृत्त हेडमास्टर माया पंत के सौजन्य से बच्चों को जलपान कराया गया। इस अवसर पर नवीन जोशी, अजरा जुनैद, परमेश्वरी शर्मा, शांति पंत आदि उपस्थित थे।

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