रंग लाई मेहनत, पेड़ों की संजीवनी लौह हल की उपयोगिता से प्रशासन का इकरार, कृषि विभाग को जरूरत का विस्तृत विवरण देने को कहा

उत्तरा न्यूज डेस्क
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अल्मोड़ा:- कृषि उपकरण निर्माण के लिए लगातार कट रहे पेड़ों को बचाने के लिए विकल्प के रूप में लौह हल का उपयोग करने के लिए जागरुकता फैलाने के साथ ही लोगों को अपने स्तर से हल उपलब्ध करा रहे स्याहीदेवी विकास समिति के 14 सालों के प्रयासों के बाद प्रशासन ने इस प्रयास की उपयोगिता को समझ लिया है, प्रसाशन ने कोसी पुनर्जनन अभियान में इस प्रयास की उपयोगिता देख कृषि उपकरणों के लिए बहुमूल्य पेड़ों को कटान से बचाने के लिए किसानों को स्याही हल उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनाने को कहा है | सीडीओ मयूर दीक्षित ने कृषि विभाग को इसके लिए कार्ययोजना बनाने व हवालबाग व ताकुला के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक उपलब्ध कराए गये लौह हलों की संख्या का आंकड़ा बनाने व जरूरत के हलों का बजट आगणन बनाने को कहा है | प्रशासन की इस पहल के बाद समिति में भी उत्साह का संचार हुआ है | मालूम हो कि कृषि उपकरणों के लिए पेड़ों को कटने से बचाने के लिए लौह हल अपनाने के लिए स्याहीदेवी विकास समिति 2004 से मुहिम चला रही है | और सरकारी व निजी प्रयासों से प्रदेश के सैकड़ों किसानो तक वीएल स्याही लौह हल को पहुंचाया भी है | इस हल को वीपीकेएएस ने वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया है |

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