Heatwave Alert:जानिए कब और कैसे चलती है लू क्या होता है इसका आपके शरीर पर प्रभाव? कैसे बचे इससे?

Smriti Nigam
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Heatwave Alert: भारत में अप्रैल के महीने से ही भयंकर गर्मी पड़ने लगती हैं और आने वाले दिनों में तो और ज्यादा प्रचंड रूप में गर्मी देखने को मिलती है। भारतीय मौसम विभाग ने पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में अगले दो दिनों तक लू चलने की आशंका जताई है। आईएमडी ने यह अलर्ट ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, विदर्भ, उत्तरी कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्यों को लेकर जारी किया गया है। भारत में मई को गर्मी की लहर का चरम महीना माना जाता है।

क्या होता है हीटवेव का पैमाना

हालांकि मार्च से जून के दौरान कुछ राज्यों में जुलाई के महीने में भीषण गर्मी पड़ती है। तटीय इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से 4.50C या अधिक होता है, तो उसे हीट वेव माना जा सकता है, बशर्ते अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो।

क्या होती है लू की स्थिति?

हीट वेव तब होती है जब हवा का तापमान उस स्तर तक पहुंच जाता है जो संपर्क में आने पर मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो जाता है। गर्मी की लहरें इंसानों के साथ जानवरों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। हीटवेव की पहचान तब होती है जब किसी स्थान का अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों के लिए 40 डिग्री सेल्सियस है। उससे अधिक और पहाड़ी क्षेत्र के लिए 30 डिग्री सेल्सियस सबसे अधिक हो जाए

भारत के लू प्रभावित राज्य कौन से हैं?

गर्मी की लहर आम तौर पर मार्च से जून के दौरान उत्तर पश्चिम भारत, मध्य, पूर्व और उत्तरी प्रायद्वीपीय भारत के मैदानी इलाकों में होती है। इसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्से, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं। कभी-कभी यह तमिलनाडु और केरल में भी होता है।

लू से बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?

लू से बचने के लिए धूप में जाने से बचना चाहिए और खासकर के 12 से 3 बजे के बीच बाहर नहीं जाना चाहिए।

पर्याप्त पानी पीना चाहिए और प्यास ना हो तो भी पानी पीना चाहिए।

हलके और ढीले रंग और सूती कपड़े पहनना चाहिए।

धूप में जाते समय चश्मा, छाता,टोपी का प्रयोग करना चाहिए।

यात्रा करते समय अपने साथ पानी जरूर रखना चाहिए।

शराब चाय और कॉफी पीना नहीं चाहिए अधिक प्रोटीन वाले भोजन से बचे और बासी खाना बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।

यदि बाहर काम करते हैं तो अपने सिर, गर्दन, चेहरे और अंगों पर गीले कपड़े का प्रयोग करना चाहिए।

पार्क किए गए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को ना छोड़े।

ओआरएस लस्सी नींबू पानी का निरंतर प्रयोग करें।

पशुओं को छाया में रखें और उन्हें खूब पानी पिलाएं।

अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे र या सनशेड का उपयोग करें।

सनबर्न के लक्षण क्या हैं?

जब भीषण गर्मी होती है तो लू के चलने पर सनबर्न का खतरा भी बढ़ जाता है। सनबर्न के कारण त्वचा लाल पड़ जाती है और दर्द सूजन बुखार चले सर दर्द होने लगता है। ऐसे होने पर साबुन का प्रयोग करके स्नान करें और शरीर को प्राकृतिक रूप से ठंडा होने के लिए छोड़ दें। ऐसे करने से रोम छिद्र खुलते हैं और डॉक्टरों की सलाह जरूर ले।

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