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हाई कोर्ट ने अल्मोड़ा में खुले में सीवर बहने की याचिका पर जारी किया नोटिस पढ़ें पूरी खबर

Newsdesk Uttranews
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हाई कोर्ट ने पालिका, जिलाप्रशासन,शहरीविकास और जिला विकासप्राधिकरण को दिया नोटिस, चार सप्ताह में जबाब देने को कहा

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नैनीताल, 5 अगस्त 2020— हाई कोर्ट ने अल्मोड़ा शहर के मुहल्लों में खुली नालियों में बह रहे सीवर के खिलाफ की जनहित याचिका में जबाब मांगा है. न्यायालय ने चार माह में जबाब देने को कहा है इस मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी.

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इस मामले में हाई कोर्ट ने याचिका में पक्षकार बनाए गए सचिव शहरी विकास उत्तराखंड सरकार, जिलाधिकारी अल्मोड़ा,उपजिलाधिकारी अल्मोड़ा,नगर पालिका अल्मोड़ा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, व जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को नोटिस का जबाब देने को कहा गया है.

अल्मोड़ा निवासी अधिवक्ता शेखर लखचौरा द्वारा दाखिल जनहित याचिका में कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति एन एस धनिक की खंड पीठ के समक्ष हाई कोर्ट नैनीताल में सुनवाई हुई.

याचिकर्ता द्वारा कहा गया है कि अल्मोड़ा शहर के कई मोहल्लों में सीवर को खुली नाली में छोड़ दिया जा रहा है जिस से आस पास में रहने वालों व रास्तों से गुजरने वालो को गंदगी से बीमारी का खतरा पैदा हो रहा है.

याचिकर्ता द्वारा पूर्व में जिलाधिकारी अल्मोड़ा,नगरपालिका अल्मोड़ा , जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि को समस्या के निराकरण हेतु दिनांक 4 अक्टूबर 2018 व 10 जून 2019 को प्रत्यावेदन दिए लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नही हुई.

जिला प्रशासन ,नगर पालिका व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के उदाशीनता के कारण अन्ततः याचिकर्ता के द्वारा हाई कोर्ट नैनीताल में जनहित याचिका दाखिल की गई है जिसमे मांग की गई कि नालियों में गंदे पानी व सीवर को खुले में बहने से रोकने हेतु उचित उपाय करने प्रतिवादियों को निर्देशित किया जाय तथा उच्च स्तरीयजांच कमेटी गठित कर दोषी भवन स्वामियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाय.

याचिका में सचिव शहरी विकास उत्तराखंड सरकार , जिलाधिकारी अल्मोड़ा,उपजिलाधिकारी अल्मोड़ा,नगर पालिका अल्मोड़ा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, व जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को प्रतिवादी पक्षकार बनाया गया है. जनहित याचिका में हाई कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जबाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं, अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी.

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