सोशल मीडिया के लिए रील बनाने को जंगल में आग, उत्तराखंड में विकृत मानसिकता का तांडव

उत्तरा न्यूज टीम
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उत्तराखंड में जंगलों की आग के पीछे की वजह जानकर आप हैरान रह जाएँगे। यहाँ कुछ लोग सोशल मीडिया पर रील बनाने के लिए जंगल में आग लगा रहे हैं। पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने बताया कि इस तरह के एक मामले में मुक़दमा भी दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की मानसिकता इतनी विकृत हो चुकी है कि उन्हें जंगल की आग से होने वाले नुक़सान की कोई परवाह नहीं है।

बता दें, जंगल में जानबूझकर या लापरवाही से आग लगाने वालों के ख़िलाफ़ पुलिस सख़्ती से पेश आ रही है। अब तक ऐसे 383 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है जिनमें 315 अज्ञात और 60 नामजद लोग शामिल हैं। पुलिस, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की टीमें ऐसे लोगों की पहचान करने में जुटी हैं।

राज्य में जंगल की आग बेक़ाबू होती जा रही है। गढ़वाल और कुमाऊँ मंडलों में अब तक 930 से ज़्यादा जगहों पर आग लग चुकी है जिनमें 1,196 हेक्टेयर से ज़्यादा वन क्षेत्र जलकर खाक हो गया है। आग बुझाने के लिए NDRF और वायुसेना की मदद ली जा रही है। हेलिकॉप्टर से अब तक हज़ारों लीटर पानी का छिड़काव किया जा चुका है और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। सरकार क्लाउड सीडिंग के ज़रिए कृत्रिम बारिश कराने पर भी विचार कर रही है।

मुख्य सचिव ने बताया कि जिन गाँवों के लोगों ने अपने आस-पास के जंगलों को आग से बचाया है, उन्हें सरकार पुरस्कृत करेगी। इसके लिए वनाग्नि प्रबंधन समिति के तहत इनाम देने की व्यवस्था की गई है।