क्या आपको पता है कि पहले क्या नाम था वंदे भारत ट्रेन का,आखिर क्यों बदला इसका नाम,जानें चौंकाने वाली वजह

Smriti Nigam
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Know Vande Bharat Express old name. आज देश को 10 और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिलने वाली है। प्रधानमंत्री इन सभी ट्रेनों को वर्चुअल झंडी दिखाकर रवाना करेंगे, जो अलग-अलग राज्यों में तमाम शहरों में चलेंगी  रेलवे की हमेशा यह कोशिश रहती है कि वंदे भारत को अधिक से अधिक शहरों में ज्यादा से ज्यादा चलाया जाए। जिससे हर कोई इसका लाभ ले पाए।

लेकिन आपको शायद यह बात पता होगी कि आज बंदे भारत के नाम से जाने जाने वाली इस ट्रेन का नाम पहले कुछ और था और इसके नाम को बदलने की वजह भी काफी बड़ी है। आईए जानते हैं इसके बारे में

केंद्र सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2017 में ऐसी ट्रेन की कल्पना की थी जो आधुनिक सुविधाओं से लैस हो। विदेश में चल रही ट्रेनों से भी बेहतर और मौजूदा ट्रेनों से अलग इस ट्रेन के बारे में सोचा गया। रेलवे ने इस ट्रेन को आईसीएफ चेन्नई में तैयार करने का फैसला लिया और इसके डिजाइन से लेकर बनाने तक के लिए एक वर्ष का लक्ष्‍य रखा गया क्योंकि इस वर्ष 2018 में ट्रैक पर उतरना था इसलिए इस ट्रेन का नाम ट्रेन 18 रखा गया।

इसलिए बदलना पड़ा नाम

सरकार की कल्पना के अनुसार वर्ष 2018 के अंत में ही पहली ट्रेन तैयार हो गई थी क्योंकि यह पहली ट्रेन थी इसलिए इसमें तकनीकी का इस्तेमाल भी किया गया था। ट्रेन के तीन से चार महीने तक ट्रायल भी किए गए थे। 15 फरवरी 2019 को इसके चलाने की घोषणा की गई। ट्रेन 18 नाम से भारतीयता की झलक नहीं दिख रही थी इस वजह से इसके नाम को बदलना पड़ा। काफी अधिक सोचने के बाद इसका नाम वंदे भारत रखा गया। पहली ट्रेन दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाई गई और प्रधानमंत्री ने इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

18 माह के रिकार्ड समय में हुई तैयार

समान रूप से किसी नई डिजाइन की ट्रेन को डिजाइन से लेकर निर्माण तक विदेशों में कम से कम 36 माह में तैयार किया जाता है लेकिन इस ट्रेन का डिजाइन से लेकर निर्माण तक रिकॉर्ड 18 माह में तैयार किया गया।वंदेभारत आईसीएफ चेन्‍नई के 520 इंजीनियरों की मेहनत का परिणाम है। पहली ट्रेन पूरी तरह से मेक इन इंडिया है। यानी इसमें इस्‍तेमाल किया गया 80 फीसदी मैटेरियल भारतीय है।