चारधाम यात्रा शुरू, 22 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं ने कराया पंजीकरण, हरिद्वार में व्यवस्थाओं की बदहाली

उत्तरा न्यूज टीम
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उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई है। यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को खुल गए जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुलेंगे। इस यात्रा के लिए 22 लाख से ज़्यादा श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं। चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराने की अनिवार्यता श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बन गई है। ऑनलाइन पंजीकरण के स्लॉट पूरी तरह भर चुके हैं और ऑफ़लाइन पंजीकरण के लिए हरिद्वार में बुधवार को भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पहले ही दिन क़रीब 5 हज़ार लोग पंजीकरण के लिए पहुँच गए जिससे व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई।

गौरतलब हो हरिद्वार, में पर्यटन विभाग ने पंजीकरण के लिए सिर्फ़ 6 काउंटर खोले थे। सुबह 8 बजे तक भारी भीड़ की वजह से पंजीकरण शुरू ही नहीं हो पाया। हालात बिगड़ते देख पर्यटन अधिकारी सुरेश यादव ने ज़िला प्रशासन से पुलिस बल की माँग की। क़रीब 10 बजे एसडीएम सदर और एक घंटे बाद सिटी मजिस्ट्रेट के पहुँचने पर स्थिति कुछ संभली। पुलिस बल और पीएसी जवानों की एक टुकड़ी ने भीड़ को क़ाबू में किया।

चिलचिलाती धूप में लाइनों में खड़े लोगों ने जब चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया तब सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान और एसडीएम अजयवीर सिंह ने जीएमवीएन के होटल राही में निर्माणाधीन कमरों में काम रुकवाया और वहाँ अतिरिक्त काउंटर खुलवाए। भीड़ को 4 हिस्सों में बाँटा गया और फिर पंजीकरण का काम शुरू हुआ। धूप से बचने के लिए टेंट और पीने के पानी की व्यवस्था भी कराई गई। ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा न मिल पाना भी लोगों की परेशानी का एक बड़ा कारण है। पहले ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा होती थी जिससे लोग आसानी से पंजीकरण करा लेते हैं

बता दें, चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराने आए श्रद्धालुओं की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। ऑफ़लाइन पंजीकरण के लिए उमड़ी भारी भीड़ के बीच दलाल सक्रिय हो गए और कई परिवार उनके चंगुल में फँस गए। पंजीकरण आसानी से न होता देख कई परिवारों ने यात्रा करने से ही मना कर दिया और दलालों से अपने पैसे वापस माँगे। इस बात को लेकर पर्यटन कार्यालय में मौजूद भीड़ के बीच श्रद्धालुओं और दलालों की झड़प होती रही। कुछ दलाल मौक़े से खिसक लिए तो कुछ ने अपने ख़र्चे काटकर पर्यटकों के पैसे लौटाए। गुजरात के जामनगर से आए एक परिवार ने बताया कि उन्होंने गाड़ी बुकिंग के लिए एडवांस में 10 हज़ार रुपये दिए थे। ऋषिकेश के एक ट्रेवल कारोबारी का एजेंट उन्हें सिर्फ़ 5 हज़ार रुपये लौटा रहा था। परिवार ने कहा कि इस मारामारी को देखकर वह इस बार गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा नहीं करेंगे। इसी तरह उड़ीसा से आए कुछ लोगों ने बताया कि उनके साथ आया दलाल उन्हें लाइन में खड़ा करके ख़ुद फ़रार हो गया।

पर्यटन विभाग को इस भीड़ का बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं था। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल कम लोग आए थे इसलिए इस बार इतनी ज़्यादा भीड़ होने का अनुमान नहीं था। 20 मई तक के स्लॉट फुल हो चुके हैं और मोबाइल के ज़रिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा भी नहीं दी गई है। हर दिन सिर्फ़ 500 स्लॉट दिए जा रहे हैं।