शिकायत:: सेवा की बांड अवधि हो गई पूरी पर दस्तावेज वापस नहीं कर रहा मेडिकल कॉलेज(medical college) प्रशासन

editor1
3 Min Read
fire broke out

new-modern

The bond period of service is over but the medical college administration is not returning the documents

अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज (medical college)के माइक्रोबायलॉजी विभाग में तैनात एक डॉक्टर ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज(medical college) प्रशासन पर उनके जमा दस्तावेजों को वापस नहीं करने का आरोप लगाया है। डॉक्टर का आरोप है कि सेवा बांड अवधि पूरी होने के बाद भी कॉलेज प्रशासन उनके दस्तावेज नहीं लौटा रहा है और उसे परेशान किया जा रहा है।

अल्मोड़ा,01 अगस्त 2022— अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज (medical college)के माइक्रोबायलॉजी विभाग में तैनात एक डॉक्टर ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज(medical college) प्रशासन पर उनके जमा दस्तावेजों को वापस नहीं करने का आरोप लगाया है।

medical college
Dr Shradha

डॉक्टर का आरोप है कि सेवा बांड अवधि पूरी होने के बाद भी कॉलेज प्रशासन उनके दस्तावेज नहीं लौटा रहा है और उसे परेशान किया जा रहा है।

डॉ. श्रद्धा का आरोप है कि एमडीएस में उनकी बांड अवधि 27 जून 2022 को पूरी हो गई है, लेकिन बांड अवधि पूरी होने के एक माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी श्रीनगर मेडिकल कॉलेज प्रशासन उनके दस्तावेज नहीं लौटाए गए है।

उन्होंने कहा कि मामले में सीएम, डीएम, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा से लेकर पीएम पोर्टल में वो गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन समस्या हल नहीं हुई है। इस कारण वह मानसिक तनाव में हैं। उन्होंने कहा कि उनको अब तक प्रमोशन भी नहीं दिया गया है। डॉक्टर ने बताया कि उनको अब भविष्य को लेकर चिताएं हो रहीं हैं। जल्द दस्तावेज वापस नहीं मिलने पर उन्होंने कुछ भी कर गुजरने की चेतावनी दी है।

कोविड काल में अगस्त 2020 से अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज(medical college) में दे रही हैं सेवाएं


डॉ. श्रद्धा का कहना है कि वह बीते 27 अगस्त 2020 से सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान अल्मोड़ा के माइक्रोबायलॉजी विभाग में सेवाएं दे रहीं हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में सेवाएं देने के बाद भी विभाग उनकी समस्या हल नहीं कर पा रहा है। इससे उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है।


डॉ. श्रद्धा ने बताया कि एमबीबीएस करने पर पांच साल बांड और एमडीएस करने पर यह अवधि केवल तीन साल होती है।
इधर अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य डॉक्टर सीपी भैसोड़ा ने कहा कि यह मामला अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का नहीं बल्कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज का है।