भगवान बुद्ध के कपिलवस्तु अवशेषों को गंदन मठ में प्रदर्शन के लिए रखा गया

Newsdesk Uttranews
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भगवान बुद्ध के कपिलवस्तु अवशेषों को गंदन मठ में प्रदर्शननई दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)। भगवान बुद्ध के चार पवित्र कपिलवस्तु अवशेषों को मंगलवार को गंदन मठ (मंगोलिया) के बट्सगांव मंदिर के असेंबली हॉल में पूरे सम्मान के साथ प्रदर्शन के लिए रखा गया। इस अवसर पर हुए रंगारंग समारोह में भारत से गए प्रतिनिधिमंडल में भारत के केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, मंगोलिया संसद के स्पीकर जंदनशातार गोम्बोजाव, मंगोलिया के संस्कृति मंत्री नोमिन चिनबात, खम्बा नोमुना खान, 17 संसद सदस्य और अवतार लामा उपस्थिति रहे। मंगोलिया में बुद्ध दिवस के अवसर पर हुए समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी शामिल हुए।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सदियों पहले, भारत के हिमालय की पहाड़ों से बौद्ध धर्म की भावना मंगोलिया में पहुंची और हमारी अनमोल साझा विरासत बन गई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस आध्यात्मिक संपर्क ने दोनों राष्ट्रों के लोगों को एक दूसरे से बांध रखा है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि गंदन मठ में भारतीय अवशेषों के साथ मंगोलिया बौद्ध अवशेषों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है, जिससे दोनों मित्र देशों के बीच विशेष आध्यात्मिक संबंधों को मजबूती मिल रही है।

किरेन रिजिजू ने कहा, चलिए, हम सभी इस प्रार्थना में शामिल होते हैं कि हमारे विचारों में घृणा और हिंसा को कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए। दुनिया में शांति, करुणा और अच्छी भावना बनी रहे, बुद्ध की शिक्षाएं और दर्शन इस दुनिया में बड़ी संख्या में लोगों को उपचारात्मक स्पर्श प्रदान करें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, मुझे बताया गया है कि मंगोलियाई लोगों को मंगोलियाई भाषा में डब किए गए भारतीय बुद्ध धारावाहिक के 55 एपिसोड के प्रसारण से सांत्वना मिली है और यह लोगों को लगातार बौद्ध धर्म की ओर प्रेरित कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि भारत ने पवित्र मंगोलियाई कांजुर के 108 खंड के 100 सेटों को पुनर्मुद्रित किया है जिन्हें जल्द ही मठों और अन्य बौद्ध संस्थानों में वितरित कर दिया जाएगा।

इस अवसर पर बोलते हुए मंगोलियाई संसद के स्पीकर जंदनशातार गोम्बोजाव ने 11 दिनों के लिए पवित्र अवशेषों के प्रदर्शन की अनुमति और मंगोलिया के लोगों को उनके प्रति सम्मान प्रकट करने एवं आशीर्वाद लेने का अवसर देने के लिए भारत सरकार का आभार प्रकट किया।

–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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