सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई वीडियो में पुलिस के साथ हाथापाई करते और उन्हें जबरन तितर-बितर करते हुए दिखाया गया है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उनमें से लगभग 28 को हिरासत में लिया गया है।
कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कराची विश्वविद्यालय (केयू) के दो बलूच छात्रों के कथित अपहरण के खिलाफ रविवार को सिंध विधानसभा के मुख्य द्वार के पास महिलाओं सहित लगभग 120 से 130 लोग सड़कों पर उतर आए।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, केयू के दर्शन विभाग के दो छात्रों डोडा बलूच और गमशाद बलूच को कथित तौर पर गुलशन-ए-इकबाल में मस्कान चौरंगी के पास उनके घर से ले जाया गया और सात दिन बाद घर लौटे।
उनके रिश्तेदारों और नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों ने पिछले चार दिनों से कराची प्रेस क्लब (केपीसी) के बाहर एक शिविर लगाया था।
रविवार की रात, वे सिंध विधानसभा के मुख्य द्वार पर पहुंचने में सफल रहे, जहां उन्होंने लापता छात्रों की रिहाई के लिए धरना दिया।
पुलिस और जिला प्रशासन ने उनके साथ बातचीत की, उन्हें जगह खाली करने के लिए राजी किया, क्योंकि प्रांतीय विधायिका का बजट सत्र होने वाला था।
साउथ-एसएसपी असद रजा ने डॉन न्यूज को बताया कि पुलिस ने 19 पुरुषों और नौ महिलाओं को उस वक्त हिरासत में लिया, जब वे विधानसभा भवन में घुसने की कोशिश कर रहे थे।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, ग्वादर अधिकार आंदोलन के संस्थापक और स्थानीय जमात-ए-इस्लामी नेता मौलाना हिदायत-उर-रहमान ने पुलिस कार्रवाई के तुरंत बाद बुधवार को बलूचिस्तान में विरोध प्रदर्शन और रैलियों की घोषणा की।
रहमान ने एक ट्वीट कर सिंध पुलिस की शर्मनाक भूमिका और बलूच महिलाओं के प्रति अपमान के लिए निंदा की।
उन्होंने अपने आंदोलन के सदस्यों को प्रांत के हर शहर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित करने का निर्देश देते हुए कहा, 15 जून को हम बलूचिस्तान में रैलियां करेंगे।
–आईएएनएस
एचके/एएनएम