Pithoragarh-टैक्सी वाहनों की पार्किंग के समाधान पर उठने लगे सवाल

Newsdesk Uttranews
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खासकर बहुमंजिला पार्किंग के दो तलों में सिर्फ टैक्सी वाहनों को अनुमति दिये जाने का जनता के साथ बताया जा रहा अन्याय

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Pithoragarh जिला मुख्यालय में टैक्सी वाहनों की पार्किंग समस्या के रविवार को किये गए समाधान पर सवाल खड़े होने लग गए हैं और इस समाधान को आम जनता के हितों के खिलाफ बताया जा रहा है। खासकर देव सिंह मैदान के किनारे नवनिर्मित बहुमंजिला पार्किंग में भूमिगत व प्रथम तल में सिर्फ टैक्सी वाहनों को पार्क कराये जाने की व्यवस्था पर लोगों की नाराजगी सामने आ रही है। दिलचस्प यह भी है कि इस समाधान को लेकर प्रभारी जिलाधिकारी को भी संज्ञान में नहीं लिया गया।

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पिथौरागढ़
जिले के विभिन्न हिस्सों से जिला मुख्यालय आने वाले टैक्सी वाहनों व मुख्यालय से जिले के बाहर जाने वाली टैक्सियों की पार्किंग के मसला पिछले 10-12 दिनों से गर्माया हुआ था। पुलिस प्रशासन ने Pithoragarh जिला मुख्यालय के अलग-अलग हिस्सों में टैक्सी-मैक्सी वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था निर्धारित की थी, जिसका टैक्सी यूनियन पिथौरागढ़ और देवभूमि टैक्सी यूनियन पिथौरागढ़ ने विरोध करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था। उनका कहना था कि वाहनों को जिला मुख्यालय के बाजार से 4-5 किलोमीटर दूर पार्क करने की व्यवस्था से उनकी रोजी रोटी पर खासा असर पड़ेगा और व्यापारियों को भी नुकसान होगा।

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टैक्सी यूनियन Pithoragarh लगातार इस व्यवस्था के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रही थी। इस बीच पुलिस प्रशासन, नगर पालिका और टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों ने रविवार को एक साथ बैठक कर पार्किंग की समस्या का एक समाधान निकालते हुए उस पर सहमति जताई। जिसमें यह भी तय किया गया कि नवनिर्मित बहुमंजिला पार्किंग के भूमिगत और प्रथम तल पर कुछ निर्धारित जगहों से संबंधित और शहर में इधर-उधर पार्क किये जाने वाले टैक्सी वाहनों को जगह दी जाएगी। यह व्यवस्था सोमवार से शुरू भी हो गई। यह दीगर बात है कि अभी बहुमंजिला पार्किंग में कुछ प्रतिशत काम होना अभी बांकी है।


लेकिन नवनिर्मित और हाल में लोकार्पित बहुमंजिला पार्किंग को अभी हैंडओवर किये बिना तथा उसमें आम लोगों के निजी वाहनों की पार्किंग के लिए कोई व्यवस्था किये बिना, उसमें सिर्फ टैक्सी वाहनों को पार्किंग की अनुमति दिये जाने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। और बहुमंजिला पार्किंग में सिर्फ टैक्सी वाहनों को अनुमति दिये जाने को आम जनता के साथ अन्याय करार दिया जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि यह जनता के टैक्स से बनी पार्किंग है और इसे मनचाहे तरीके से किसी को भी नहीं सौंपा जा सकता।

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ऐसा करने से पुलिस प्रशासन को मजबूरीवश सड़क किनारे खड़े किये जाने वाहनों का चालान करने का भी हक नहीं है और यह व्यवस्था को अराजकता की ओर ले जाना है। लोग इस तरह से पार्किंग आवंटित किये जाने को नियम विरूद्ध भी बता रहे हैं, क्योंकि ठेकेदार से अभी कार्यदायी संस्था को पार्किंग हैंडओवर नहीं हुई है, जिसके बाद कार्यदायी संस्था इसे संचालक संस्था को देगी और टैंडर प्रक्रिया के बाद ही बहुमंजिला पार्किंग से पार्किंग व्यवस्था शुरू की जाएगी।

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Pithoragarh-पार्किंग निर्माण करने वाले ठेकेदार कुलदीप त्यागी का कहना है कि अभी कार्यदायी संस्था को पार्किंग हैंडओवर नहीं की गई है। इसकी प्रक्रिया जारी है और अभी वैकल्पिक तौर पर ही टैक्सी वाहनों को पार्किंग की अनुमति दी गई है। वहीं प्रभारी जिलाधिकारी आरडी पालीवाल का कहना है कि रविवार को समाधान के इस मामले को उनके संज्ञान में नहीं लाया गया था, जबकि वह जिले में ही मौजूद थे।

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