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नानीसार में जांच के लिये गई सीबीसीआईडी टीम को बैरंग लौटाया

Newsdesk Uttranews
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नानीसार में निर्माणाधीन इंटरनेशनल स्कूल की जांच

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अल्मोड़ा। नानीसार एक बार फिर चर्चाओं में है। पिछली सरकार को इस मुददे पर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। अब सत्ता बदलने के बाद भी हालात वही दिखते है। आज जांच के लिये आई सीबीसीआईडी की टीम को निर्माणाधीन स्कूल के अंदर नही जाने दिया गया। सीबीसीआईडी की टीम ने गेट पर ही नोटिस चिपका दिया।

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​बताते चले कि पिछली हरीश रावत सरकार में नानीसार काफी चर्चाओं में रहा था। नानीसार में एक इंटरनेशनल स्कूल के लिये सरकार ने जिंदल इंटरनेशनल स्कूल को भूमि आवंटित कर दी थी। इस निर्णय का लोगों ने काफी विरोध किया था और हो हल्ले के बाद हिमांशु एजुकेशन सोसायटी की ओर से आंदोलनकारियों पर मुकदमे दर्ज कर दिये ​थे। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष को कई दिनों तक जेल में गुजारनी पड़ी थी। वही ग्रामीणों और उपपा की ओर से स्कूल का निर्माण कर रही संस्था के प्रेमपाल और 100 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसी मुकदमें के सिलसिले में हल्द्वानी से सीबीसीआईडी की टीम आज सोमवार को अल्मोड़ा जिले के नानीसार में निर्माणाधीन स्कूल में पहुंची तो उन्हे निर्माणाधीन ​स्कूल के गेट पर ही रोक लिया गया। अंदर पहुंचने में नाकाम रहने पर सीबीसीआईडी की टीम ने गेट पर ही नोटिस चस्पा कर दिया। नोटिस में हिमांशु एजुकेशन सोसायटी के प्रतीक जिंदल से तीन दिन के भीतर सीबीसीआईडी हल्द्वानी में अपना पक्ष रखने के लिये हाजिर होने के निर्देश दिये है। तीन दिन के भीतर ना पहुंचने पर एकतरफा कार्यवाही की बात नोटिस में कही गई है। इधर टीम के साथ नानीसार गये उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के पीसी तिवारी ने आरोप लगाया कि सरकार इस मसले पर गंभीर नही है। उन्होने आरोप लगाया कि हिमांशु एजुकेशन सोसायटी के प्रतीक जिंदल सीबीसीआईडी की टीम को कुछ नही समझते है। कहा कि यह राज्य सरकार की जांच एंजेसियों की नाकामी है कि उन्हे जांच के लिये नही जाने दिया जा रहा है। कहा कि जिदंल जैसे लोगों को देश के कानून और जांच पर कोई भरोसा नही है। कहा कि सरकार व अधिकारियों की शह पर राज्य में माफियाओं चल रही है जिस पर लगाम लगाना बहुत जरूरी है।