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ममता, येचुरी ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर चर्चा के लिए पवार से मुलाकात की

Newsdesk Uttranews
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नई दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर चर्चा की।

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राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार की रणनीति पर चर्चा के लिए ममता बनर्जी ने बुधवार (15 जून) को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है।

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येचुरी के साथ भाकपा के डी. राजा और पी.सी. चाको ने पवार से मुलाकात की, जहां राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे। बैठक के बाद येचुरी ने कहा, मुझे बताया गया है कि शरद पवार ने विपक्षी उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है, लेकिन उन्होंने कुछ नामों पर चर्चा की है और उन पर विचार किया जा रहा है।

पवार ने एक ट्वीट में कहा, ममता बनर्जी ने आज दिल्ली में मेरे आवास पर मुझसे मुलाकात की। हमने अपने देश से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।

इस बीच, कांग्रेस ने तीन नेताओं- राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सिंह सुरजेवाला को ममता बनर्जी द्वारा बुधवार को बुलाई गई बैठक में मौजूद रहने को कहा है। राकांपा, शिवसेना और अन्य दलों ने भी बैठक के लिए अपने प्रतिनिधियों को नामित किया है।

सूत्रों ने कहा है कि ममता बनर्जी भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारने की इच्छुक हैं, जबकि कई प्रमुख विपक्षी दल शरद पवार को अपना उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। विपक्ष एक ऐसा उम्मीदवार चाहता है, जिसे नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजद, के. चंद्रशेखर राव की टीआरएस और जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी जैसी पार्टियों का वोट मिल सके। बशर्ते सभी विपक्षी दल एक साथ आएं और संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार को वोट दें।

भाजपा भी अपनी संख्या की गणना कर रही है और चुनावों में अपने मतों के अंतर को भरने के लिए छोटी पार्टियों पर भरोसा कर रही है।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए करीब 10.86 लाख वोटों के इलेक्टोरल कॉलेज में भाजपा और एनडीए में उसके गठबंधन सहयोगी आधे से थोड़ा कम हैं।

भाजपा आराम से आधे रास्ते को पार करने के लिए नवीन पटनायक और जगन मोहन रेड्डी पर निर्भर है। दोनों में से किसी एक के समर्थन से भाजपा उम्मीदवार आराम से चुनाव जीत जाएगा, लेकिन भगवा पार्टी अन्य छोटे और गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों के समर्थन से अपने वोट बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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