शैक्षिक दखल समिति (Shekshik dakhal) की ओर से आयोजित हुआ शैक्षिक संवाद कार्यक्रम
पिथौरागढ़। नगरपालिका सभागार पिथौरागढ़ में विगत दिवस शैक्षिक दखल समिति(Shekshik dakhal) की ओर से शैक्षिक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में ओसाका विश्वविद्यालय के डाॅ. वेदप्रकाश सिंह ने मुख्य विषय ‘जापान की शिक्षा व्यवस्था में श्रम का स्थान’ पर विस्तृत बातचीत रखी। उन्होंने जापान की शिक्षा, समाज तथा समाज में श्रम का महत्व और शिक्षा में श्रम का महत्व आदि बिंदुओं पर केंद्रित व्याख्यान दिया। प्रो. सिंह ने कहा कि उन्होंने जापान में नैतिक, ईमानदार और शांत समाज देखा। वहां ‘वी फाॅर विक्ट्री’ नहीं, बल्कि ‘वी फाॅर पीस’ होता है। उन्होंने बताया कि जापान में प्रतिस्पर्धा नहीं है, सड़कों पर दुर्घटना नहीं देखी जा सकती है। चोरियां नहीं होती और कहीं कोई डर नहीं, और भय नहीं होना ही समाज को आगे ले जाता है।
उन्होंने कहा कि जापान में नवीं कक्षा तक योग्य नागरिक बन जाता है, क्योंकि बचपन से ही जीवन को बेहतर बनाने के नियम व्यावहारिक रूप से सिखाये जाते हैं, जिसमें आत्मनिर्भरता, स्वच्छता, श्रम का सम्मान, व्यस्त रहना, मानवीय संवदेनाओं को आत्मसात करना, लाइन का अतिक्रमण न करना और जरूरत की चीजें स्वयं बनाना आदि शामिल हैं।
इससे पूर्व कार्यक्रम के पहले सत्र में शैक्षिक दखल (Shekshik dakhal) पत्रिका के वर्तमान अंक पर शिक्षक दिनेश भट्ट, गिरीश पांडे ‘प्रतीक’, विनोद उप्रेती और शिवम ने चर्चा की, जबकि समिति के सचिव राजीव जोशी ने शैक्षिक दखल समिति के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। संवाद में दिनेश जोशी, राकेश जोशी, राजेश पंत, अनिल, दीपक कापड़ी, रितेश तिवारी, महेंद्र, अंजली आदि ने अनेक प्रश्न पूछे, जिनके उपयोगी व जानकारी परक उत्तर प्रो. वेदप्रकाश ने दिये। कार्यक्रम में लेखक प्रकाश पुनेठा, डाॅ. दीप चैधरी, रेनु ठाकुर, प्रदीप पाठक, आलोक चैधरी, जनमंच संयोजक भगवान रावत, नवीन जोशी, चेतना धपोला, दीप जोशी, महिमन दिगारी, हेम पंत, बसंत गिरी व अंकिता गड़कोटी सहित अनेक लोग मौजूद थे। अंत में शैक्षिक दखल पत्रिका (Shekshik dakhal)के संपादक महेश पुनेठा ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन समिति के राजीव जोशी व चिंतामणि जोशी ने किया।
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