कोटद्वार- रिवर्स माइग्रेशन के मिशन पर अराजकता की हनक

उत्तरा न्यूज डेस्क
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कोटद्वार के सतपुली एकेश्वर के गांव रिंगवाड़ी में एक प्रवासी ने स्वरोजगार के सपने को हकीकत में बदलने की मुहिम के साथ एक बागान खड़ा किया। चंद्रमोहन ज्योति नाम के इस प्रवासी का सपना था कि स्वरोजगार की यह मुहिम क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के साथ ही प्रवासियों के घर वापसी की उम्मीद को बढ़ावा देगा। लेकिन असामाजिक तत्वों ने इस युवक के सपनों को आग के हवाले कर दिया।
बड़े जतन के साथ पर्यावरण के प्रति सजग युवा चंद्रमोहन ज्योति ने गांव में अखरोट के बागान को तैयार किया था, असामाजिक तत्वों ने वह पूरा बागान स्वाहा कर दिया। माटी को छोड़ कर जाने की पीड़ा और यहां रोजगार पैदा करने की उम्मीद और बैठकों में आ रहे रिवर्स पलायन के मुद्दे के तहत चंद्रमोहन सिंह ने रिंगवाड़ी में तीस नाली जमीन खरीद कर उस पर बागान तैयार करने की मुहिम शुरू की। जानी-मानी पत्रिका के एसोसिएट आर्ट डायरेक्टर चंद्रमोहन अपने गांव लौटे।

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कश्मीर से मंगाई गई उन्नत नस्ल की अखरोट की पौध रोपने के बाद उनका हर सप्ताह घर आना-जाना भी शुरू हो गया। यहां उन्होंने सिंचाई की व्यवस्था भी की साथ ही बागान में सिंचाई के लिए पाइप बिछाए और बागान की चाहरदीवारी भी तैयार की। एक अच्छी रकम भी इस कार्य में खर्च हुई और साप्ताहिक अवकाश में 250 किमी की दूरी तय कर वह यहां पहुंचते थे।लेकिन, 30 मई की रात चंद्रमोहन के सपने तक मटियामेट हो गए, जब शरारती तत्वों ने बागान में आग लगाकर उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। आग से अखरोट के पौध के साथ ही बड़ी संख्या में बांज व देवदार के पौधे और टपक सिंचाई के लिए बिछाई पाइप लाइन भी जलकर नष्ट हो गई। इस हादसे से व्यथित चंद्रमोहन सहित घर वापसी की आस लगाए लोगों की कोशिशों को झटका लगा है।