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उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी ने चिन्हीकरण और सुविधाएं दिए जाने की मांग उठाई

उत्तरा न्यूज टीम
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अल्मोड़ा। आज अल्मोडा के गांधी पार्क में राज्य आन्दोलनकारियों ने धरना-प्रदर्शन करते हुए कहा कि न तो राज्य बनने के 23वर्ष बाद भी राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों के अनुरूप राज्य के विकास की दिशा दशा तय हो पाई और न ही राज्य आंदोलनकारियों को वह सम्मान राज्य में मिल रहा है जिसके वे हकदार हैं।

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कहा कि 23वर्ष बाद भी वास्तविक आंदोलनकारी चिन्हीकरण हेतु दर दर भटकने को मजबूर हैं। यही नहीं मृतक राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को भी पैंशन का लाभ दिये जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा के डेढ़ वर्ष बाद भी पैंशन न मिल पाना राज्य आंदोलनकारियों के प्रति सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये को परिलक्षित करता है।

कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को मिले क्षैतिज आरक्षण को रद्द करना और फिर उसे लटकाये रखना भी सरकार के उपेक्षित रवैये का ही द्योतक है। राज्य आंदोलनकारियों को नाम भर की पैंशन दी जा रही है वह भी 6-6माह बिलंब से। जो परिवहन सुविधा दी गयी है वह आधी अधूरी है।

चिकित्सा सुविधा, बच्चों को शिक्षा सुविधा कागजों में दी गयी है जिनका कोई ब्यवहारिक उपयोग नहीं है इस दौरान समस्याओं के समाधान हेतु एक ज्ञापन भी राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भेजे गये हैं।

धरनास्थल पर यह भी निर्णय लिया गया कि 25फरवरी से राज्य आंदोलनकारी जनपद में रथ यात्रा निकाल कर अपनी मांगों स्थानीय जनसमस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करैंगे। आज धरने ब्रह्मानन्द डालाकोटी, महेश परिहार, शिवराज बनौला, रघुनंदन पपनै, शंकरदत्त, दौलत सिंह बगड्वाल, दिनेश शर्मा, गोपाल सिंह बनौला, कैलाश राम,कुंदन सिंह, लक्ष्मण सिंह,,पूरन सिंह,महेश पांडे,दीवान सिंह, कृष्ण चंद्र,बिशंभर पेटशाली,,देवकी देवी,,बचुली देवी,खष्टीदेवी, ताराराम,सुंदर सिंह आदि सम्मिलित थे।