ग्रेटर नोएडा के कासना इंडस्ट्रियल एरिया में उस वक्त हड़कंप मच गया जब खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने दो अलग-अलग जगहों पर नकली बोतलबंद पानी बनाने वाले प्लांटों पर छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान दोनों प्लांटों से करीब 13 हज़ार से ज्यादा नकली पानी की बोतलें जब्त की गईं, जिन्हें बिना किसी लाइसेंस के बाजार में बेचा जा रहा था।
इस छापेमारी में पहला प्लांट ‘गुप्ता इंटरप्राइजेज’ के नाम से साइट-5, कासना के के-300 नंबर पर चल रहा था, जहां पर ‘बिलसेरी’ ब्रांड के नाम से 1 लीटर की बोतलें तैयार की जा रही थीं। वहीं दूसरा प्लांट ‘पैरामेट्रो वॉसर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम से साइट-5 के ही ए-2/88 पते पर चल रहा था, जिसमें ‘ब्लेसरी’ नाम से पानी की बोतलें पैक की जा रही थीं।
कार्रवाई के दौरान पहले प्लांट से 6,252 बोतलें और दूसरे प्लांट से 6,856 बोतलें बरामद की गईं। कुल मिलाकर 13,108 नकली बोतलों को जब्त किया गया है। छापेमारी के बाद दोनों प्लांटों को मौके पर ही सील कर दिया गया।
खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त सर्वेश कुमार ने बताया कि उन्हें इन अवैध गतिविधियों की जानकारी मिली थी, जिसके बाद टीम ने तुरंत कार्रवाई की। दोनों स्थानों पर न तो कोई लाइसेंस मिला और न ही किसी तरह के वैध दस्तावेज़। यह साफ हो गया कि ये दोनों प्लांट पूरी तरह से गैरकानूनी ढंग से चल रहे थे।
बताया गया है कि ये नकली बोतलें दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में सप्लाई की जा रही थीं। विभाग अब इस सप्लाई चेन की गहराई से जांच कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि नकली पानी के इस खेल में और कौन-कौन शामिल है।
फिलहाल बरामद बोतलों के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद दोनों प्लांट संचालकों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई से साफ हो गया है कि अब नकली सामान बेचने वालों पर प्रशासन की पैनी नजर है और किसी भी कीमत पर जनता की सेहत से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।