मुनस्यारी: चुनाव बहिष्कार की चेतावनी के बाद हरकत में प्रशासन, 10 अप्रैल को बुलाई जनप्रतिनिधियों की बैठक

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Munsiyari: Administration into action after warning of election boycott, meeting of public representatives called on April 10

मुनस्यारी, 08 अप्रैल। चीन से लगे 25 ग्राम पंचायतों के राज्य के सबसे चुनाव बहिष्कार की घोषणा के बाद तहसील प्रशासन हरकत में आ गया है।


जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि बहिष्कार से पहले सुलह करने के लिए प्रशासन ने 10 अप्रैल को एक बैठक बुलाई है।जिसके लिए भारतीय सेना सहित आधा दर्जन विभागों को बुलावा भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि तहसीलदार चंद्र प्रकाश आर्य ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेशों के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों की 10 अप्रैल को तहसील स्थित सभागार में बैठक बुलाई गई है। उन्होंने बताया कि इस बैठक में प्रशासन मध्यस्थता करने के बाद बीच का रास्ता निकालेगी।

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उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों के प्रति प्रशासन गंभीर है। उनके समाधान के लिए पूर्ण प्रयास किया जाएगा।


मालूम हो कि बलाती फार्म से भारतीय सेना को शिफ्ट किए जाने तथा खालिया टॉप और बलाती फॉर्म में मानव हस्तक्षेप को कम किए की मांग को लेकर चीन सीमा से लगे 25 ग्राम पंचायतों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की थी। आज तक हुए चुनाव बहिष्कार में यह सबसे बड़ा चुनाव बहिष्कार है, जिसमें 12 हजार से अधिक मतदाता वोट नहीं देने पर अडिग है।


इस अभियान के संयोजक तथा जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेज कर चुनाव बहिष्कार को सफल बनाने के 11 अप्रैल से शुरू होने वाले अभियान के अंतर्गत होने वाले बैठक तथा जनसंपर्क अभियान के लिए आदर्श आचार संहिता के कारण अनुमति मांगी थी।
उन्होंने बताया कि बलाती फॉर्म तथा खालिया टॉप में भारतीय सेना के साथ-साथ वन विभाग, कुमाऊं मंडल विकास निगम, पर्यटन विभाग, उद्यान विभाग, खेल विभाग के द्वारा मानव हस्तक्षेप बढ़ाया जा रहा है ।
भारतीय सेना ने तो पेयजल स्रोतों के पास अपने आवासीय बनकर बनकर इस क्षेत्र की जैव विविधता के लिए खतरा पैदा कर दिया है।उन्होंने बताया कि अल्पाइन हिमालय के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र में मानव हस्तक्षेप कैसे कम किया जा सकता है।इसके बारे में पूर्व के सरकार तथा प्रशासन ने कभी भी कुछ नहीं सोचा। उन्होंने बताया कि 10 अप्रैल को होने वाली बैठक में सम्मानजनक बातचीत नहीं हुई तो चुनाव बहिष्कार को सफल बनाने के लिए 11 अप्रैल से अभियान शुरू कर दिया जाएगा।