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Pithoragarh- सभी लोगों को न्याय पहुंचाना एक लक्ष्य : रिजिजू

Newsdesk Uttranews
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पिथौरागढ़। केंद्रीय विधि एवं कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि सबको न्याय कैसे पहुंचाया जा सके यह एक लक्ष्य है। आम नागरिकों व जरूरतमंद को न्याय पाने के लिए दर-दर न भटकना पड़े, इसके लिए हम सभी को पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करना होगा और यह हमारा कर्तव्य भी है।

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केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू रविवार को यहां बहुउद्देशीय विधिक-चिकित्सा जागरूकता शिविर को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली और उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पिथौरागढ़ की ओर से जिला मुख्यालय के देवसिंह मैदान में बहुउद्देशीय विधिक- चिकित्सकीय जागरूकता शिविर का कानून मंत्री तथा उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से शुभारंभ किया।

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इस अवसर पर विधि मंत्री रिजिजू ने कहा कि पिथौरागढ़ जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में लगाया गया यह शिविर न्याय आपके द्वार का नमूना है। जिससे यहां की अधिक से अधिक जनता को लाभ मिलेगा। यहां के लोगों को न्याय तथा न्यायिक सेवा में कैसे सहुलियत मिले इसी उद्देश्य से यह विधिक शिविर लगाया गया है। भविष्य में भी इस प्रकार के शिविर लगाए जाऐंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में राज्य में सरकार के साथ सामंजस्य बनाते हुए महामारी पर नियंत्रण के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बेहतर कार्य किया गया है इस दौरान न्याय पालिका द्वारा वर्चुअली भी सुनवाई कर विषय परिस्थितियों में भी कार्य किया गया जो सराहनीय है।

कानून मंत्री ने कहा कि वह उत्तराखण्ड के सभी दूरस्थ क्षेत्रों में हवाई तथा पैदल मार्ग से यात्रा कर चुके हैं। यहां की भौगोलिक स्थिति के बारे में सभी जानकारी है। ऐसे कठिन क्षेत्रों में भी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बेहतर कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में पूरे देश में विभिन्न न्यायालयों में कुल 4 करोड़ से अधिक मामले लंबित पड़े हैं जिसमें अधीनस्थ न्यायालयों में अधिक मामले लंबित हैं। कहा कि अधीनस्थ न्यायालयों में अवस्थापना विकास तथा उनके सुदृढ़ीकरण के लिए कैबिनेट द्वारा 9 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

अपने संबोधन में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति व कार्यपालक अध्यक्ष राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण यूयू ललित ने कहा कि भारत की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देश में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसी अवसर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा देश में इस प्रकार के विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किए जारहे हैं। देश के 637 गांव में 42 दिनों में विविध सेवा की टीम द्वारा गांव गांव जाकर जागरूकता दी गई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिविर में सरकार की वो योजनाएं जो हर जरूरत मंद व्यक्ति तक नहीं पंहुची है, उन्हें पंहुचाना है। हर उस नागरिक को जो निःशुल्क कानूनी सहायता का हकदार है उस तक यह जानकारी इन शिविरों के माध्यम से जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वास सबके लिए न्याय सबके लिए यह विधिक सेवा प्राधिकरण का लक्ष्य है।

इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश उत्तराखंड न्यायमूर्ति राघवेन्द्र चौहान ने कहा कि न्याय केवल न्याय पालिका तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सूर्य की किरणों की तरह यह सभी जगह समान रूप से विद्यमान है। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज तिवारी ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए विधिक शिविर की जानकारी दी।

शिविर में स्वास्थ्य विभाग ने कैंप लगाकर उपस्थित जनता का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया। जिले के चिकित्सा विशेषज्ञों ने जांच की। विभिन्न विभागों द्वारा सरकारी स्टालों के माध्यम से नागरिकों को विभागीय योजनाओं की जानकारी और लाभ दिया गया। इस अवसर पर दिव्यांगजनों को ह्वील चेयर तथा कृतिम अंग प्रदान किए गए।

शिविर में राजि जनजाति के गांव कूटा चौरानी, मदनपुरी, जमतड़ी, भागिचौडा आदि से आए वनराजियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर निःशुल्क दवा के साथ ही कंबल, शाल, कपड़े आदि वस्तुएं वितरित की गई। हंस फाउण्डेशन ने भी नि:शुल्क 50 ह्वील चेयर, 50 बैशाखी, 500 कान की मशीन, 600 चश्मे के साथ ही मास्क तथा सेनेटाइजर वितरित किए।

कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, जिला जज पिथौरागढ़ डॉ जीके शर्मा, उच्च न्यायालय के निबंधक धनंजय चतुर्वेदी, सदस्य सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण राजीव कुमार खुल्वे, निबंधक अम्बिका पंत, जिलाधिकारी डा आशीष चौहान, पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, सीडीओ अनुराधा पाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विभा यादव, अध्यक्ष जिला बार संघ एमसी भट्ट समेत विभिन्न अधिकारी, अधिवक्ता तथा नगर व दूरस्थ क्षेत्रों से आए नागरिक और लाभार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सिविल जज सीनियर डिविजन रश्मि गोयल ने किया।