लिबर्टी शूज को कस्टमर से पंगा लेना पड़ा महंगा, खराब जूते बदलने से किया इंकार तो स्टोर संचालक को मिली यह सजा

Advertisements Advertisements ग्राहक की सेवा में लापरवाही करने का नतीजा नामी जूता कंपनी को भारी पड़ा। नोएडा निवासी एक युवक द्वारा ब्रांडेड जूते खरीदे जाने…

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ग्राहक की सेवा में लापरवाही करने का नतीजा नामी जूता कंपनी को भारी पड़ा। नोएडा निवासी एक युवक द्वारा ब्रांडेड जूते खरीदे जाने के बाद उसमें खराबी आने पर वारंटी के बावजूद जूते ना बदलने से यह मामला जिला उपभोक्ता आयोग तक पहुंच गया।

अब आयोग ने कंपनी को उपभोक्ता को हर्जाना और ब्याज सहित भुगतान करने का आदेश दिया।


नोएडा निवासी अंकुश कुमार ने नोएडा के एक मॉल स्थित लिबर्टी शूज स्टोर से 2999 रुपये में जूते खरीदे थे। कंपनी की ओर से दिए गए वारंटी के तहत जूते में खराबी आने पर उन्हें बदल जाना था या पूरी पैसे वापस किए जाने थे। लगभग 6 महीने इस्तेमाल करने के बाद जूते की सिलाई खुल गई और उसमें छेद भी हो गया अंकुश ने इसकी शिकायत स्टोर पर जाकर की तो स्टोर संचालक ने जूते बदलने से इनकार कर दिया और कहा कि स्टॉक आने के बाद ही जूते बदले जाएंगे।


एक महीने के इंतजार और कई बार स्टोर से संपर्क करने के बावजूद कोई समाधान नहीं मिला। अंकुश ने कंपनी को ईमेल से शिकायत भी भेजी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

परेशान होकर उन्होंने जिला उपभोक्ता आयोग (गौतमबुद्ध नगर) में वाद दायर किया।
इस दौरान कंपनी की ओर से कोई भी प्रतिनिधि फोरम में नहीं गया ऐसे में फोरम ने एकपक्षीय कार्रवाई की और कंपनी को दोषी मानते हुए सेवा में उसे कमी का जिम्मेदार ठहराया।


जिला उपभोक्ता आयोग ने आदेश देते हुए कहा कि कंपनी एक माह के भीतर शिकायतकर्ता को 3,000 रुपये का भुगतान करे। इस राशि पर छह प्रतिशत सालाना ब्याज भी जोड़ा जाएगा।

शिकायतकर्ता अंकुश कुमार ने बताया कि मैंने विश्वास करके ब्रांडेड जूते खरीदे थे, लेकिन जब दिक्कत आई तो किसी ने जवाब नहीं दिया। मुझे खुशी है कि उपभोक्ता फोरम ने मेरा पक्ष सुना और मुझे न्याय मिला। यह मामला उन लाखों उपभोक्ताओं के लिए एक मिसाल है। जो अक्सर वारंटी और गारंटी के नाम पर कंपनियों से धोखा खाते हैं, लेकिन आगे कदम नहीं उठाते।

उपभोक्ता फोरम की यह कार्रवाई दिखाती है कि यदि आप सही हैं तो न्याय ज़रूर मिलता है- बशर्ते आप अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें।