भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। बीते एक हफ्ते के भीतर देशभर में कोविड-19 के 752 नए मरीजों की पुष्टि हुई है, जिससे अब कुल सक्रिय मामलों की संख्या 1,000 के पार पहुंच चुकी है। स्थिति भले अभी गंभीर न दिखे, लेकिन आंकड़ों में यह तेजी साफ इशारा कर रही है कि कोरोना पूरी तरह गया नहीं है।
सबसे अधिक मामले इस बार भी केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों से सामने आए हैं। इन इलाकों में नए मरीजों की तादाद अन्य राज्यों की तुलना में कहीं ज़्यादा है, जिससे राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं। स्वास्थ्य विभाग फिर से टेस्टिंग और निगरानी बढ़ा रहा है। इसके साथ ही विदेशों से आने वाले लोगों पर भी निगरानी शुरू हो चुकी है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कोरोना की वापसी के संकेत मिलने लगे हैं।
अमेरिका में एक नया कोविड वेरिएंट NB.1.8.1 सामने आया है, जिसने वहां की स्वास्थ्य एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। CDC यानी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के अनुसार, अमेरिका के कई प्रमुख एयरपोर्ट्स जैसे कैलिफोर्निया, वाशिंगटन, वर्जीनिया और न्यूयॉर्क सिटी के इंटरनेशनल टर्मिनलों पर आने वाले यात्रियों में इस वेरिएंट की पुष्टि हुई है। यह जानकारी CDC के साथ काम कर रही एयरपोर्ट टेस्टिंग एजेंसी जिन्कगो बायोवर्क्स ने साझा की है।
यह वेरिएंट एशिया में पहले से फैल चुका है। हांगकांग और ताइवान जैसे इलाकों में अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। स्थानीय प्रशासन ने फिर से पब्लिक मास्क पहनने और वैक्सीन के साथ-साथ एंटीवायरल दवाओं के स्टॉक का इंतज़ाम शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि यही वेरिएंट चीन और सिंगापुर जैसे देशों में भी हाल के दिनों में कोरोना मामलों में तेज़ी का कारण बना है।
WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वेरिएंट को “वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग” (VUM) की श्रेणी में डाल दिया है। इसका मतलब है कि इस वेरिएंट पर वैश्विक निगरानी रखी जा रही है क्योंकि इसके फैलाव की गति और असर को लेकर अभी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं है। NB.1.8.1 दरअसल ओमिक्रॉन के सबलाइनेज JN.1 से निकला वेरिएंट है, जो आगे चलकर XDV.1.5.1 नामक एक पुराने वेरिएंट से जुड़कर नया स्वरूप बना चुका है। इसका पहला सैंपल 22 जनवरी 2025 को लिया गया था और 23 मई 2025 को इसे WHO ने VUM के रूप में वर्गीकृत किया है।
CDC के मुताबिक अमेरिका में पिछले महीने हर हफ्ते औसतन 350 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है। भले ही केस कम हो रहे हों, लेकिन मौतों का आंकड़ा अब भी चिंता पैदा करता है। इसी कारण अमेरिका में दोबारा अलर्ट जारी कर दिया गया है।
भारत सरकार भी हालात पर नज़र बनाए हुए है। केंद्र और राज्य सरकारें निगरानी व्यवस्था को और सख्त करने की दिशा में काम कर रही हैं। टेस्टिंग बढ़ाई जा रही है और लोगों को फिर से सतर्क रहने की अपील की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को मास्क, दूरी और हाथ धोने जैसी पुरानी सावधानियों को फिर से अपनाना चाहिए क्योंकि वायरस कब किस रूप में लौट आए, यह कोई नहीं जानता।