पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है। भारत की तरफ से पाकिस्तान को आधिकारिक पत्र भी भेज दिया गया और इसके बारे में जानकारी दे दी गई है।
यह पत्र जल शक्ति मंत्री सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तानी जल संसाधन मंत्रालय के सचिव मुर्तजा को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया कि, यह संधि अच्छे संदर्भ में की गई थी, लेकिन अच्छे रिश्तों के बिना इसे बनाए नहीं रखा जा सकता।
पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने 26 टूरिस्ट की हत्या कर दी जिसमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इसके बाद इस जलसंधि को स्थगित करने का फैसला किया गया है।
जानिए क्या लिखा है लेटर में –
सरकार के 5 बड़े फैसले
पहला फैसला- पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद का समर्थन रोकने तक 1960 की सिंधु जल संधि स्थगित ।
दूसरा फैसला- अटारी-वाघा चेक पोस्ट को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया। वैध दस्तावेज के साथ जो लोग पहले ही पार कर चुके हैं, उन्हें 1 मई से पहले वापस जाने को कहा गया।
तीसरा फैसला- पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना (SVES) के तहत भारत में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। पहले जारी किए गए सभी SVES वीजा रद्द किए जाएंगे। SVES वीजा पर पहले से भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को अगले 48 घंटे के भारत छोड़ना होगा।
चौथा फैसला- दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा और सैन्य सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया है। उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। इसी तरह भारत अपने रक्षा सलाहकारों को इस्लामाबाद से वापस बुलाएगा। ऐसे पांच सहयोगी स्टाफ भी वापस बुलाए जाएंगे। इन पदों को अब शून्य माना जाएगा।
पांचवां फैसला-दोनों उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करने का फैसला लिया गया है। यह कटौती 1 मई 2025 तक प्रभावी होगी।
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लेने के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट मीटिंग में यह फैसले लिए।
इस मीटिंग में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल समेत कई अफसर मौजूद रहे थे।
भारत के लिए गए इन कड़े फैसलों के बाद पाकिस्तान ने भी फैसला लिया है। उन्होंने बोला सिंधु जल रोका गया तो एक्ट ऑफ वॉर होगा। इस्लामाबाद में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NCS) की 24 अप्रैल को बैठक हुई। इसमें पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच सभी द्विपक्षीय समझौते स्थगित कर दिए। इसमें 1972 का शिमला समझौता भी शामिल है।
1960 में हुआ था सिंधु जल समझौता, 65 साल बाद रोका गया 1960 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच ये समझौता हुआ था। समझौते में सिंधु बेसिन से बहने वाली 6 नदियों को पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में बांटा गया था।
पूर्वी हिस्से की नदियों रावी, ब्यास और सतलुज के पानी पर भारत का पूरा अधिकार है। पश्चिमी हिस्से की नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का 20% पानी भारत रोक सकता है।
इसको लेकर पाकिस्तान में भी एनसीएस की बैठक हुई जिसमें पांच अहम फैसले लिए गए-:
NCS की मीटिंग में क्या-क्या फैसले लिए गए
उप प्रधानमंत्री इशाक डार और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बताया, ‘पाकिस्तान ने सिंधु जल समझौते को रोकने के भारत के फैसले को खारिज किया। यह समझौता वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में हुआ एक इंटरनेशनल समझौता संधि है। एकतरफा सस्पेंड नहीं किया जा सकता।
अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोकने या दिशा मोड़ने की कोशिश की तो इसे एक्ट ऑफ वॉर (जंग की तरह) माना जाएगा और पूरी ताकत से जवाब देंगे।
पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौता स्थगित किए। इसमें शिमला समझौता भी शामिल है।
वाघा बॉर्डर तत्काल प्रभाव से बंद।
SAARC वीजा योजना के तहत सभी भारतीय नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं। सिर्फ सिख तीर्थयात्रियों को छूट रहेगी, बाकी भारतीयों को 48 घंटे में पाकिस्तान छोड़ने का आदेश।
भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को पर्सोना नॉन ग्राटा (अवांछनीय व्यक्ति) घोषित कर पाकिस्तान छोड़ने का आदेश दिया है।
पाकिस्तान स्थित भारतीय हाई कमीशन का स्टाफ घटाकर 30 कर दिया।
भारतीय एयरलाइनों के लिए पाकिस्तान का एयरस्पेस तत्काल प्रभाव से बंद।
पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी तरह का व्यापार रद्द कर दिया है, जिसमें तीसरे देशों के जरिए होने वाले व्यापार भी शामिल है।