“हर्षिता बेटा, तूने अच्छा नहीं किया… अपना ख्याल रखना” – एक पिता की आखिरी चिट्ठी, जिसने हर बाप की रूह हिला दी

ग्वालियर से एक ऐसी खबर आई है, जिसने हर उस इंसान को झकझोर कर रख दिया है जो रिश्तों में भरोसे और परंपरा के बीच…

ग्वालियर से एक ऐसी खबर आई है, जिसने हर उस इंसान को झकझोर कर रख दिया है जो रिश्तों में भरोसे और परंपरा के बीच जूझ रहा है। यहां एक मेडिकल कारोबारी ने अपनी ही बेटी की लव मैरिज से टूटकर आत्महत्या कर ली। लेकिन सिर्फ मौत नहीं, उसके पीछे छोड़ा गया सुसाइड नोट सवालों का ऐसा तूफान छोड़ गया है, जो कानून, समाज और संबंधों को कटघरे में खड़ा करता है।

ऋषिराज जायसवाल नाम के इस 45 वर्षीय कारोबारी की दुनिया उस दिन बिखर गई जब उनकी बेटी हर्षिता ने मोहल्ले के ही युवक आनंद प्रजापति से भागकर आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराई गई, पुलिस ने तलाश कर दोनों को इंदौर से बरामद भी कर लिया। लेकिन कोर्ट में पेशी के दौरान जब बेटी ने पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया, वहीं से एक पिता का दिल पूरी तरह से टूट गया।

इस गहरे आघात को ऋषिराज ने किसी से साझा नहीं किया, मगर भीतर ही भीतर घुटते रहे। तीन दिन तक वो खामोश रहे, शायद अपने आखिरी फैसले की तैयारी कर रहे थे। बुधवार की रात उन्होंने खाना खाया, फिर अपने कमरे में जाकर लाइसेंसी राइफल से खुद को गोली मार ली।

सबसे दर्दनाक बात ये रही कि उन्होंने सुसाइड नोट अपनी बेटी के आधार कार्ड पर लिखा। उसमें उन्होंने लिखा, “मैं उसे मार सकता था, लेकिन बेटी को कैसे मारता? संविधान गलत है जो बालिग होते ही एक पिता से उसके सारे हक छीन लेता है। हर्षिता बेटा, तूने ठीक नहीं किया… सब खत्म हो गया।”

पुलिस ने बताया कि यह आत्महत्या बेटी के प्रेम विवाह और कोर्ट में पिता को नकारे जाने से आहत होकर की गई है। वहीं इस घटना के बाद इलाके में बवाल मच गया। नाराज परिजनों ने बेटी के ससुर को पीट दिया, हालात इतने बिगड़े कि अस्पताल तक जाना पड़ा। मीडिया कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों के साथ भी हाथापाई हुई, जिसमें एक रिपोर्टर के कपड़े फट गए और कैमरा भी टूट गया।

फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है, फोरेंसिक टीम ने भी मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। लेकिन इस पूरी घटना ने कई गहरे सवाल छोड़ दिए हैं—क्या एक पिता का दर्द कोई नहीं समझता? क्या कानून सिर्फ उम्र की गणना करता है, जज़्बातों की नहीं?