इंडिगो बनी दुनिया की सबसे ‘महंगी’ एयरलाइन, बाजार में मचाया धमाल, दिग्गज कंपनियों को छोड़ा पीछे

भारतीय एविएशन इंडस्ट्री में इंडिगो ने एक और इतिहास रच दिया है। कभी सिर्फ किफायती उड़ानों के लिए पहचानी जाने वाली यह एयरलाइन अब दुनिया…

n6597192411744363281292461ffb3aa75ade5b45a12f86c4bb204ade646f3edbaba291d2955b561496f3b7

भारतीय एविएशन इंडस्ट्री में इंडिगो ने एक और इतिहास रच दिया है। कभी सिर्फ किफायती उड़ानों के लिए पहचानी जाने वाली यह एयरलाइन अब दुनिया की सबसे ज्यादा वैल्यू रखने वाली कंपनी बन गई है। शेयर मार्केट में इसकी जबरदस्त छलांग ने ग्लोबल दिग्गजों को भी पछाड़ दिया है।

बुधवार को इंडिगो के शेयर ने 5,265 रुपये का नया ऊपरी स्तर छू लिया। इसके साथ ही कंपनी का मार्केट कैप 2 लाख करोड़ रुपये के करीब जा पहुंचा, जो कि अमेरिकी दिग्गज डेल्टा एयरलाइंस और यूरोपीय दिग्गज रायनएयर से भी ज्यादा है। महावीर जयंती की छुट्टी के कारण आज शेयर बाजार बंद रहा, लेकिन इंडिगो की ये रफ्तार फिलहाल थमने वाली नहीं लगती।

2024 की शुरुआत से अब तक कंपनी ने निवेशकों को करीब 13% का रिटर्न दिया है। ऐसे वक्त में जब बाकी बाजार में सुस्ती छाई रही, इंडिगो का शेयर लगातार मजबूती से ऊपर चढ़ता गया।

इंडिगो न केवल भारत की सबसे बड़ी लो-कॉस्ट एयरलाइन है, बल्कि देश के एविएशन सेक्टर में इसकी हिस्सेदारी 62% तक पहुंच चुकी है। कोविड के बाद जहां तमाम कंपनियां संघर्ष कर रही थीं, वहीं इंडिगो ने न सिर्फ वापसी की, बल्कि जबरदस्त मुनाफा भी कमाया। दूसरी तिमाही में घाटे के बाद भी इंडिगो ने अपने प्रदर्शन में तेजी से सुधार किया।

ओएजी की ताजा रिपोर्ट भी इस कामयाबी की मुहर लगाती है। सीट कैपेसिटी में इंडिगो दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती एयरलाइन बन चुकी है। 2024 में यह आंकड़ा 134.9 मिलियन सीट्स तक पहुंच गया है, जो साल दर साल 10.1% की बढ़त दिखाता है। केवल कतर एयरवेज ही इससे आगे रही।

उड़ानों की संख्या में भी इंडिगो ने बाज़ी मारी है। फ्लाइट फ्रीक्वेंसी के मामले में इंडिगो 2024 में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली एयरलाइन रही, जहां इसने 7,49,156 उड़ानों के साथ 9.7% की ग्रोथ दर्ज की।

फिलहाल इंडिगो के पास 900 विमानों का ऑर्डर है। बीते साल उसे 58 नए एयरबस एयरक्राफ्ट मिले। 88% ऑपरेशन फिलहाल घरेलू हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय विस्तार पर भी कंपनी का फोकस है। 2024 में इसका ज़ोर खासकर मध्य-पूर्व और थाईलैंड जैसे बाजारों पर रहेगा।

इंडिगो की ये ऊंची उड़ान दिखा रही है कि अगर रणनीति सही हो और नज़रिया स्पष्ट, तो कोई भी घरेलू कंपनी ग्लोबल लीडर बन सकती है।