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हाल ही में कप सिरप की चार ऐसी सिरप जो कि बच्चों के लिए हानिकारक हो सकती है ऐसी खबरें सामने आई थी जिससे कि हड़कंप मच गया था। आपको बता दें कि भारतीय दवा कंपनी की कफ सिरप पीने से अफ्रीकी देश गांबिया में 66 बच्चों की मौत के आरोपों के बीच देश में कुछ और दवा कंपनियों के सैंपल फेल हो गए हैं।
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) की ओर से पिछले महीने जारी रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 45 दवाओं के सैंपल की गुणवत्ता खराब पाई गई।
फेल हुए सैंपल में से 13 हिमाचल प्रदेश स्थित मैन्युफैक्टरिंग यूनिट्स से हैं। जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं उनमें पेरासिटामोल भी शामिल हैं, जिनका उपभोग बहुत ज्यादा है और सामान्य है।
‘द ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मई में असिस्टेंट ड्रग्स कंट्रोलर एंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी, नई दिल्ली ने ग्लेनमार्क फार्माशूटिकल्स लिमिटेड के खिलाफ जांच शुरू की थी और इसकी एक दवा Telmisartan (ब्लड प्रेशर में इस्तेमाल) को ड्रग्स एंड कॉसमेटिक ऐक्ट 140 की धारा 17B (E) के तहत ‘संदेहास्पद’ बताया। मोहाली स्थित दवा कंपनी के Ofloxacin और Ornidazole एंटीबायोटिक का सैंपल भी परीक्षण में खरा नहीं उतरा।
चंडीगढ़ स्थित दवा कंपनी में निर्मित एंटीबायोटिक Gentamicin injection बेक्टोरियल एंडोटोक्सिन्स और स्टरिलिटी टेस्ट पास नहीं कर पाया। हाल ही में हिमाचल में काला एमबी की निक्सी लेबोरेटरीज जांच के दायरे में आई थी क्योंकि इसकी एक दवा anaesthesia Propofol गुणवत्ता जांच में फेल हो गई थी। सैंपल को चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर में पांच मरीजों की मौत के बाद इमर्जेंसी वार्ड से एकत्रित किया गया था। इन सभी मरीजों को सर्जरी से पहले बेहोशी की यह दवा दी गई थी। हिमाचल की दवा कंपनी को इस बैच की सभी दवा को वापस लेने को कहा गया।