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अपडेट अल्मोड़ा — गैर कानूनी तरीके से राशन का भंडारण कर रहे पिता-पुत्र गिरफ्तार (Arrested), सस्ता गल्ला विक्रेता पर मुकदमा

UTTRA NEWS DESK
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अल्मोड़ा, 10 अप्रैल 2020
गैर कानूनी तरीके से राशन का भंडारण कर रहे पिता और पुत्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के खिलाफ 2ए/3 महामारी अधिनियम और 188 भा0द0वि0, 3/ आवश्यक वस्तु अधिनियम व 51 (बी) आपदा प्रबन्धन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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कोरोना वायरस के कारण घोषित किये गये लॉक डाउन के बीच अवैध रूप से राशन का भंडारण करने वालों के​ खिलाफ एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा अल्मोड़ा के द्वारा कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे।

गुरुवार यानि आज एनटीडी में अनूप सिंह पुत्र धन सिंह और उसके पुत्र देवेन्द्र सिंह द्वारा अपने जनरल स्टोर पर अनाधिकृत रूप से 9 बोरों में 450 किलोग्राम चावल का प्रकरण सामने आया।


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प्रभारी निरीक्षक कोतवाली अरूण कुमार वर्मा ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में उक्त राशन रानीधारा के सस्ता गल्ला विक्रेता राहुल पंत की दुकान से आने की बात कही है। पुलिस ने अवैध रूप से भण्डारण किये जाने पर दोनों पिता एवं पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर ​गिरफ्तार ​कर लिया है।

एसएसपी पीएन मीणा ने बताया कि मामले में राशन गल्ला विक्रेता राहुल पंत के खिलाफ ​भी मुकदमा दर्ज ​कर लिया गया है. मामले में आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी गई है.

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मामले में एसडीएम सीमा विश्वकर्मा से पूछने पर उन्होंने बताया कि आरोपियों की ओर से यह खाद्यान साईं मंदिर स्थि​त राहुल पंत की सस्ते गल्ले की दुकान से उठाने की बात कही है. लेकिन राहुल पंत की ओर से आरोपियों को खाद्यान दिए जाने से इंकार किया गया है.

उप जिलाधिकारी सीमा विश्वकर्मा

एसडीएम ने कहा कि फिलहाल सस्ते गल्ले की दुकान सीज कर दी गई है. उन्होंने बताया कि राहुल पंत की सस्ते गल्ले की दुकान में आरएफसी गोदाम से कितना राशन गया था, संबंधित सस्ते गल्ले की दुकान से राशन का कितना वितरण हुआ है तथा वर्तमान में और कितना स्टॉक उपलब्ध है इसकी जांच करवाई जा रही है. जिसके बाद ही सस्ता गल्ला विक्रेता पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

कोरोना वायरस की दहशत के बीच जहां एक ओर लोग जरूरतमंदों की सहायता के लिए खुलकर दान कर रहे है. जगह—जगह जरूरत की चीजे वितरित की जा रही है वही, ऐसे संकट के समय में गरीबों के राशन पर इस तरह की कालाबाजरी के चलते प्रदेश की जीरो टॉलरेंस की सरकार पर कई सवाल खड़े होने लगे है.

चर्चा है कि राशन गल्ला विक्रेता को सत्ताधारी पार्टी से जुड़े होने की वजह से बचाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि प्रशासन व पुलिस द्वारा मामले को गोल मोल करने का प्रयास किया जा रहा है.