नैनीताल जिले के प्रसिद्ध कैंची धाम में 15 जून को आयोजित हुआ वार्षिक मेला इस बार भी आस्था और श्रद्धा से सराबोर रहा। बाबा नीम करौली महाराज के दर्शनों के लिए देशभर से करीब सवा लाख श्रद्धालु पहुंचे। मेला पूरी तरह शांतिपूर्वक संपन्न हुआ और इस भीड़ को संभालने के लिए जिला प्रशासन ने भी दिन-रात मेहनत की। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर हर मोर्चे पर सतर्कता बरती गई।
लेकिन मेले के समाप्त होते ही अगले दिन एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसने कई लोगों की भावना को ठेस पहुंचाई। कैंची धाम को जाने वाले रास्तों पर बड़ी संख्या में मालपुए सड़कों पर फेंके हुए दिखाई दिए। यह वही मालपुए हैं जिन्हें श्रद्धालु बाबा का प्रसाद मानकर बांटते हैं और ग्रहण करते हैं।
सोशल मीडिया पर इन बिखरे हुए मालपुओं की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गई हैं। इसमें साफ देखा जा सकता है कि सड़क किनारे जगह-जगह अन्न बिखरा पड़ा है। लोग इसे ‘बाबा का आशीर्वाद’ कहकर नजरअंदाज कर रहे हैं, लेकिन कई श्रद्धालु इसे अन्न की बर्बादी और आस्था का अपमान मानकर गुस्सा जता रहे हैं।
श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रसाद बांटने की भावना ठीक है, लेकिन उसे इस तरह सड़क पर फेंक देना कहीं से भी ठीक नहीं कहा जा सकता। अन्न का सम्मान करना हमारी संस्कृति का हिस्सा है, और जब बाबा के नाम पर अन्न बांटा जा रहा हो तो उसकी गरिमा और भी बढ़ जाती है।
यह नज़ारा प्रशासन और आयोजकों के लिए भी एक सवाल बनकर खड़ा हो गया है। क्या ऐसी बड़ी धार्मिक आयोजनों के बाद यह नहीं देखा जाना चाहिए कि प्रसाद सही तरीके से वितरित हुआ या नहीं? बाबा के नाम पर अगर अन्न बर्बाद हो रहा है, तो यह श्रद्धा नहीं बल्कि लापरवाही कही जाएगी।
श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने अपील की है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों में प्रसाद के वितरण और उपयोग को लेकर सख्ती बरती जाए, ताकि बाबा की मर्यादा भी बनी रहे और अन्न की बेकद्री भी न हो।