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गुलदार के हमले (leopard attack) के पीड़ितों को मुआवजे दिये जाने को लेकर कांग्रेस ने घेरा डीएफओ कार्यालय,प्रमुख वन संरक्षक के आश्वासन पर किया धरना समाप्त

Newsdesk Uttranews
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पूर्व विधायक मयूख महर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने उठाया गुलदार के हमले (leopard attack) के पीड़ितों के परिजनों को मुआवजे और बढ़ती दहशत का मामला


प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड को देना पड़ा उचित कार्यवाही का आश्वासन

पिथौरागढ़। आदमखोर गुलदार द्वारा मारे गए (leopard attack) लेलू क्षेत्र के युवक के परिजनों को मुआवजा देने, घायलों को जायज मुआवजा देने और क्षेत्रवासियों को गुलदार के आतंक ((leopard terror)) से मुक्ति दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डीएफओ कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। पूर्व विधायक मयूख महर के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता पूर्वाहन 11 बजे से डीएफओ कार्यालय पर धरने पर बैठे और मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की। पूर्व विधायक के नेतृत्व में डीएफओ कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू होने से विभाग में भी खलबली मची जिसके बाद प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड को उचित कार्यवाही का आश्वासन देना पड़ा।

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प्रदर्शनकारियों ने कहा कि विगत 21 सितंबर को गुलदार के हमले (leopard attack
) में मारे गए मढ़े गांव, लेलू निवासी भूपेंद्र सौन के परिवार को लगातार मांग उठाई जाने के बावजूद अब तक मुआवजा नहीं दिया गया है, जो बेहद दुख का विषय है। उन्होंने पीड़ित परिवार को तुरंत उचित मुआवजा देने की मांग की। साथ ही गुलदार के हमले (leopard attack) में गंभीर रूप से घायल हुए चंडाक निवासी ललित मोहन जोशी को तुरंत उचित मुआवजा देने जिससे कि वह अपना समुचित इलाज करा सकें की मांग की गई।


इसके अलावा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ग्राम पपदेव में गुलदार के हमले में (leopard attack)मारी गई महिला के परिवार को उचित मुआवजा देने और उनकी मांगे मानने तथा ग्राम पौण में हमले में घायल बालक देशराज को उचित मुआवजा देने की मांग की गई। साथ ही लगातार दहशत का पर्याय बने गुलदारों के हमले से निजात दिलाने की मांग भी प्रदर्शनकारियों ने उठाई। इससे संबंधित ज्ञापन डीएफओ पिथौरागढ़ को दिया गया।


करीब 5 घंटे के अनिश्चितकालीन धरने के बाद प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड ने फोन पर पूर्व विधायक मयूख महर से वार्ता की। विधायक महर ने बताया की प्रमुख वन संरक्षक ने वन संरक्षक कुमाऊं को 3 घंटे में मामले की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। विधायक के अनुसार प्रमुख वन संरक्षक ने माना कि चाहे विक्षिप्त इंसान ही क्यों ना हो, यदि जंगली जानवर ने उसकी जान ली है या नुकसान पहुंचाया है तो संबंधित को मुआवजा दिया जाना चाहिए। विधायक महर ने कहा कि विभागीय उच्चाधिकारियों के आश्वासन पर कार्यकर्ताओं ने आंदोलन 3 दिन तक स्थगित किया है। यदि इस दौरान संबंधितों को मुआवजा नहीं मिलता है तो कांग्रेस कार्यकर्ता फिर सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।


धरने में कांग्रेस जिलाध्यक्ष त्रिलोक महर, युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष ऋषेंद्र महर, पूर्व जिला अध्यक्ष मुकेश पंत, खीमराज जोशी, शुभम बिष्ट, मनोज ओझा, बंटी महर, रजत विश्वकर्मा, भुवन पांडे सहित अनेक कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे।

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