shishu-mandir

breaking -महिला पर झपटा गुलदार (leopard attack), थम नहीं रहे हमले

Newsdesk Uttranews
3 Min Read
प्रतीकात्मक फोटो— उत्तरा न्यूज
Screenshot-5

new-modern
gyan-vigyan

पिथौरागढ़ में फिर गुलदार का हमला (leopard attack), इस बार महिला पर झपटा गुलदार

saraswati-bal-vidya-niketan

पिथौरागढ़। पिछले करीब 1 महीने से जिला मुख्यालय के आसपास के क्षेत्र में गुलदार के हमले (leopard attack)थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मंगलवार को जिला मुख्यालय में नगर पालिका क्षेत्र में पड़ने वाले ग्राम पुनेड़ी में गुलदार जंगल में घास काट रही एक महिला पर झपट पड़ा (leopard attack) पड़ा। महिला का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है।


ग्राम पुनेड़ी निवासी सुनीता फुलेरा उम्र 38 वर्ष पत्नी सुनील फुलेरा कुछ महिलाओं के साथ मंगलवार दोपहर को गांव के पास के जंगल में कुछ अन्य महिलाओं के साथ घास काट रही थी। जानकारी के अनुसार इसी दौरान गुलदार पीछे की तरफ से उस पर झपट पड़ा
(leopard attack) और उसके कमर के समय गंभीर जख्म कर दिए।

गुलदार के हमले (leopard attack) के पीड़ितों को मुआवजे दिये जाने को लेकर कांग्रेस ने घेरा डीएफओ कार्यालय,प्रमुख वन संरक्षक के आश्वासन पर किया धरना समाप्त

इसी दौरान सुनीता के साथ घास काट रही एक अन्य महिला ने गुलदार की पूंछ खींचकर सुनीता को बचाने की कोशिश की जिस पर गुलदार उस महिला की तरफ झपटा (leopard attack)। इस बीच अन्य महिलाओं ने भी शोर-शराबा किया और गुलदार से बचने को दौड़ लगा दी। सौभाग्यवश गुलदार ज्यादा दूर उनके पीछे नहीं दौड़ा और घने जंगल की तरफ चला गया। घायल सुनीता को ग्रामीण जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। सुनीता के कमर और पांव में गंभीर जखम बताए जा रहे हैं।


इधर इस घटना से जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्र में गुलदार की दहशत और बढ़ गई है। गौरतलब है कि 1 हफ्ते के भीतर ही इस क्षेत्र में गुलदार के हमले की यह तीसरी घटना है, जिसमें एक महिला की मौत हो गई, जबकि 1 महीने के भीतर 3 लोग अपनी जान गवा चुके हैं, और 3 लोग घायल हो चुके हैं, जबकि इसी दौरान जिले के बेरीनाग तहसील में भी एक बच्चे ने हमले में जान गवाई है।


नगर पालिकाध्यक्ष ने कार्यवाही न होने को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

पिथौरागढ़। नगरपालिका अध्यक्ष पिथौरागढ़ राजेंद्र सिंह रावत ने वन विभाग के डीएफओ को पत्र लिखकर कहा है कि, विभाग के कर्मचारियों द्वारा वर्ष भर कभी भी कोई जागरूकता कार्यक्रम नहीं करवाया जाता है। पालिका परिषद के माध्यम से पूर्व में भी बंदरों को पकड़वाने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन अब तक इसमें कार्यवाही न हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण है। पालिकाध्यक्ष रावत ने कहा कि इस प्रकार का उदासीन रवैया होने से लोगों में जनप्रतिनिधियों की छवि खराब हो रही है। साथ ही उन्होंने जंगली जानवरों के हमले में घायल लोगों के सही उपचार तथा मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है।

कृपया हमारे youtube चैनल को सब्सक्राइब करें