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Almora- पुण्यतिथि पर याद किये गये पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा (Almora) 21 मई 2021
प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर कांंग्रेस ने उन्हें याद किया। जिला कांग्रेस पार्टी के कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उनके चित्र पर पुष्पसुमन अर्पित किये गये।

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पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए कांंग्रेस नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतेला ने कहा कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 से 1991 के बीच राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे और इन पांच वर्षों में ही इस युवा प्रधानमंत्री ने अपने कार्यों से देश की जनता के दिलों दिमाग में अमिट छाप छोड़ी।

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एक ही कार्यकाल में कई ऐसे कार्य किये जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। युवा सोच वाले राजीव गांधी को 21वीं सदी के भारत का निर्माता भी कहा जाता है। 40 वर्ष में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी ने आधुनिक भारत की नींव रखने की दिशा में काम किया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारा चन्द्र जोशी ने कहा कि यह राजीव गांधी ही थे जिन्होंने भारत में दूरसंचार क्रांति लाई।

आज जिस डिजिटल इंडिया की चर्चा है, उसकी संकल्पना राजीव गांधी अपने जमाने में कर चुके थे। उन्हें डिजिटल इंडिया का आर्किटेक्ट और सूचना तकनीक और दूरसंचार क्रांति का जनक कहा जाता है। राजीव गांधी की पहल पर अगस्त 1984 में भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के लिए सेंटर पार डिवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) की स्थापना हुई।

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इस पहल से शहर से लेकर गांवों तक दूरसंचार का जाल बिछना शुरू हुआ। जगह-जगह पीसीओ खुलने लगे। जिससे गांव की जनता भी संचार के मामले में देश-दुनिया से जुड़ सकी। फिर 1986 में राजीव की पहल से ही एमटीएनएल की स्थापना हुई। जिससे दूरसंचार क्षेत्र में और प्रगति हुई।सेवादल के संजय दुर्गापाल ने कहा कि पहले देश में वोट देने की उम्र सीमा 21 वर्ष थी। मगर युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की नजर में यह उम्र सीमा गलत थी।

उन्होंने 18 वर्ष की उम्र के युवाओं को मताधिकार देकर उन्हें देश के प्रति और जिम्मेदार तथा सशक्त बनाने की पहल की। 1989 में संविधान के 61 वें संशोधन के जरिए वोट देने की उम्र सीमा 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई। इस प्रकार अब 18 वर्ष के करोड़ों युवा भी अपना सांसद, विधायक से लेकर अन्य निकायों के जनप्रतिनिधियों को चुन सकते थे।

कांंग्रेस जिला सचिव दीपांशु पाण्डेय ने कहा कि देश में पहले कंप्यूटर आम जन की पहुंच से दूर थे। मगर राजीव गांधी ने अपने वैज्ञानिक मित्र सैम पित्रोदा के साथ मिलकर देश में कंप्यूटर क्रांति लाने की दिशा में काम किया। राजीव गांधी का मानना था कि विज्ञान और तकनीक की मदद के बिना उद्योगों का विकास नहीं हो सकता।

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उन्होंने कंप्यूटर तक आम जन की पहुंच को आसान बनाने के लिए कंप्यूटर उपकरणों पर आयात शुल्क घटना की पहल की। भारतीय रेलवे में टिकट जारी होने की कंप्यूटरीकृत व्यवस्था भी इन्हीं पहलों की देन रही।

हालांकि राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने से पहले 1970 में देश में पब्लिक सेक्टर में कंप्यूटर डिविजन शुरू करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स की शुरुआत हो गई थी। 1978 तक आईबीएम पहली कंपनी थी, बाद में दूसरी प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों ने कंप्यूटर निर्माण शुरू किया।पंचायतीराज से जुड़ी संस्थाएं मजबूती से विकास कार्य कर सकें इस सोच के साथ राजीव गांधी ने देश में पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त किया।

राजीव गांधी का मानना था कि जब तक पंचायती राज व्यवस्था सबल नहीं होगी, तब तक निचले स्तर तक लोकतंत्र नहीं पहुंच सकता। उन्होंने अपने कार्यकाल में पंचायतीराज व्यवस्था का पूरा प्रस्ताव तैयार कराया।

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21 मई 1991 को हुई हत्या के एक साल बाद राजीव गांधी की सोच को तब साकार किया गया, जब 1992 में 73 वें और 74 वें संविधान संशोधन के जरिए पंचायतीराज व्यवस्था का उदय हुआ। राजीव गांधी की सरकार की ओर से तैयार 64 वें संविधान संशोधन विधेयक के आधार पर नरसिम्हा राव सरकार ने 73 वां संविधान संशोधन विधेयक पारित कराया।

24 अप्रैल 1993 से पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई। जिससे सभी राज्यों को पंचायतों के चुनाव कराने को मजबूर होना पड़ा। पंचायतीराज व्यवस्था का मकसद सत्ता का विकेंद्रीकरण रहा।

इस अवसर पर कांंग्रेस नगर अध्यक्ष पूरन सिंह रौतेला, वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारा चन्द्र जोशी, सेवादल ध्वजवाहक संजय दुर्गापाल, जिला सचिव दीपांशु पाण्डेय, राबिन भण्डारी, जिला प्रवक्ता राजीव कर्नाटक उपस्थित रहे।

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