अच्छी खबर: जागेश्वर धाम में बुरांश (buransh)की लालिमा की बीच आयोजित होगा बुरांश महोत्सव(buransh mahotsaw)

Newsdesk Uttranews
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तीन दिन तक आयोजित होगा बुरांश (buransh)महोत्सव,पर्यटन विभाग और जागेश्वर मंदिर समिति करेगी महोत्सव का आयोजन

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अल्मोड़ा:26फरवरी— देवभूमि उत्तराखंड के जागेश्वरधाम के बुरांश(buransh) की लालिमा के बीच आने वाले समय में बुरांश महोत्सव(buransh mahotsaw) का आयोजन किया जाएगा.

यह महोत्सव कब होगा फिलहाल इसकी तिथि तय नहीं है लेकिन इस महोत्सव को आने वाले फ्लावरिंग सीजन में आयोजित किया जाएगा. यह महोत्सव तीन दिन चलेगा.

पर्यटन विभाग और जागेश्वर मंदिर समिति इस महोत्सव का आयोजन करेगी. जो जागेश्वर क्षेत्र में चारों ओर खिले रहने वाले बुरांश फूल की थीम के साथ होगा.

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बताते चले कि होली के बाद या मार्च महिने में जागेश्वर और झांकरसैम मंदिर क्षेत्र की पूरी घाटी बुरांश की लालिमा से अदभुद छटा बिखेरती है. इस दृश्य को देखने दूर दूर से पर्यटक आते हैं. बुरांश की इसी छटा को मद्देनजर रखते हुए यहां तीन​ दिवसीय महोत्सव के आयोजन की योजना पर काम चल रहा है.

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बुरांश महोत्सव जागेश्वर में पहली बार आयोजित होगा.जागेश्वर मंदिर समिति पर्यटन विभाग के साथ मिलकर इस महोत्सव का आयोजन करने जा रही है. उम्मीद है कि इससे यहां आने वाले पर्यटक क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठा सकें.

जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे का कहना है कि जागेश्वर धाम और झांकरसैम मंदिर के बीच में भारी संख्या में बुरांस खिलता हैं जिसे देखने के लिए भारी संख्या में पर्यटक पहचते हैं. इसी को देखते हुए पर्यटन विभाग और मंदिर समिति मिलकर जागेश्वर बुरांस महोत्सव का आयोजन करेगी.

इस संबंध में मंदिर समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट ने बताया कि जागेश्वर मंदिर समिति के गठन के बाद क्षेत्र में जागेश्वर महोत्सव सहित कई कार्य किये गये हैं.

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उन्होंने कहा कि इस बार पहली बार बसंत ऋतु बुरांस के खिलने के साथ ही बुरांस महोत्सव का आयोजन जागेश्वर में किया जायेगा. इसके लिए कार्ययोजना को प्रशासन के साथ मिल कर अंतिम रूप दिया जा रहा है.

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उत्तराखंड का राज्य पुष्प है बुरांश (buransh)यानि रोडोडेंड्रान

बुरांस या बुरुंश (रोडोडेंड्रॉन / Rhododendron) सुन्दर फूलों वाला एक वृक्ष है. बुरांस का पेड़ उत्तराखंड का राज्य वृक्ष है, तथा नेपाल में बुरांस के फूल को राष्ट्रीय फूल घोषित किया गया है. गर्मियों के दिनों में ऊंची पहाड़ियों पर खिलने वाले बुरांस के सूर्ख फूलों से पहाड़ियां भर जाती हैं. हिमाचल प्रदेश में भी यह पैदा होता है.

बताते चलें कि बुरांश हिमालयी क्षेत्रों में 1500 से 3600 मीटर की मध्यम ऊंचाई पर पाया जाने वाला सदाबहार वृक्ष है. बुरांस के पेड़ों पर मार्च-अप्रैल माह में लाल सूर्ख रंग के फूल खिलते हैं. बुरांस के फूलों का इस्तेमाल दवाइयों में किया जाता है, वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल स्रोतों को यथावत रखने में बुरांस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

बुरांस के फूलों से बना शरबत हृदय-रोगियों के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है.इसी फायदे के तहत अब उत्तराखंड में बुरांश के जूस की कई छोटी इकाईयां भी लोगों ने स्थापित की हैं.बुरांश के फूलों के खिलने के समय गांवों में लोग इसकी चटनी और जूझ बनाकर इसके गुणों का फायदा उठाते हैं.