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बड़ी खबर: उत्तराखंड में 1430 सरकारी स्कूलों (Government schools) का विलय (merge) होगा, पढ़े पूरी खबर

UTTRA NEWS DESK
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600 प्राथमिक स्कूलों का होगा विलय (Merge)

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डेस्क। उत्तराखंड के गांवों में सरकारी स्कूलों (Government schools) की हालत बेहद दयनीय हो गई है और उन्हें बंद करने की नौबत इसलिए आ गई है क्योंकि विद्यार्थियों की तादाद कई जगह दहाई तक भी नहीं पहुंच सकी है। प्रदेश सरकार ने एक बार फिर राज्य के 1430 सरकारी स्कूलों के विलय (Merge) का निर्णय लिया है। जिसमें 10 से काम छात्र संख्या वाले 600 प्राथमिक और एक ही ​परिसर में संचालित 830 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को आपस में समायोजि​त किया जाएगा।

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सचिवालय में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने ​शिक्षा महकमे की समीक्षा करते हुए कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दबाव के चलते कई स्थानों पर इफरात में स्कूल खुल गए हैं। इन स्कूलों में छात्र संख्या कम होने से शिक्षकों का सदुप्रयोग नहीं हो रहा। विलय (Merge) करने पर जहां स्कूलों में छात्र संख्या बढेगी वहीं विलय (Merge) होने वाले स्कूलों को शिक्षकों को यहां तैनात किया जा सकेगा। शिक्षा मंत्री ने 1 अप्रैल से पहले कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए है। जिन जिलों में विलय की प्रक्रिया समय पर पूरी न होगी वहां के सीईओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में बताया ​कि विलीनीकृत ​स्कूलों में प्रर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। प्रवक्ता कैडर में 4598 पद रिक्त चल रहे है रिक्त पदों के सापेक्ष 1729 गेस्ट टीचर चयनित किए गए है। चार जिलो अल्मोड़ा, बागेश्वर, टिहरी और उत्तरकाशी में 1517 पदों पर काउंसिलिंग की जानी है। कहा कि सहायक अध्यापक एलटी वर्ग में 280 पद रिक्त है इनमें 834 पदों पर गेस्ट ​टीचर की नियुक्ति होनी है। इन पदों के सापेक्ष 402 गेस्ट टीचर चयनित किए गए है। उक्त 4 जिलों में 273 पदों पर काउंसिलिंग होनी है। हाईस्कूल में हेडमास्टर और इंटरमीडिएट स्तर के स्कूलों में प्रधानाचार्य स्कूल के नियंत्रक अधिकारी होंगे।

गौरतलब है कि इससे पहले शिक्षा विभाग करीब 300 स्कूलों का विलय (Merge) कर चुका है। सरकारी स्कूलों (Government schools) में लगातार कम होती छात्र संख्या इसका मुख्य कारण है। सरकारी स्कूलों में घटती छात्रसंख्या पर लगाम लगाना सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है। हालांकि सूबे की टीएसआर सरकार घटती छात्रसंख्या को रोकने के लिए स्कूलों में तमाम प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कर रही है लेकिन यह कार्यक्रम व सरकार की सभी रणनीतियां इस चुनौती के सामने फेल साबित होती नजर आ रही है।

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बैठक में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षीसुंदरम, शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, निदेशक-एआरटी सीमा जौनसारी, एडी रामकृष्ण उनियाल, महावीर सिंह बिष्ट, अजय नौडियाल, रघुनाथ लाल आर्य, कंचन देवराड़ी, आशारानी पैन्यूली, कुलदीप गैरोला, पीके बिष्ट, सुभाष भट़्ट, मेहरबान सिंह बिष्ट, कमला बड़वाल, हेमलता भट्ट, नरवीर सिंह बिष्ट, जेपी यादव आदि मौजूद थे।

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