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नैनो साइंस, जल संरक्षण, प्रदूषण, ग्राफीन आदि आधुनिक विषयों पर चर्चा के साथ अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का हुआ समापन

Newsdesk Uttranews
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मानव संसाधन विकास केंद्र The hermitage में नैनो साइंस एवं नैनो टेक्नोलॉजी सेंटर, रसायन विज्ञान विभाग कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में शोध पर चर्चाओ के दौरान आई आई टी के डॉ अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि नैनो कण एवं ग्राफीन का प्रयोग रसायन सेंसर में बड़ा कारगर है। ये रसायन सेंसर जहरीले गैसों तथा प्रदूषण के फिल्टरेसन में मदद करते है। ग्राफीन भारी कणो जैसे लेड, मरकरी को पता करने में काम आता है। जिससे प्रदूषण तथा जल की शुद्धता मापी जा सकती है। उन्होंने कहा कि बोतल बंद जल भी प्लास्टिक प्रदूषण से अछूता नहीं है। हेक्सर्प के निर्देशक अक्षत साह ने कहा कि ग्राफीन ऊर्जा संरक्षण में टायर, पाइप, एवं इलेक्ट्रॉनिक में बहुत कारगर है। डॉ मीनल गुप्ता ने कहा कि ऊर्जा संरक्षित यन्त्र का प्रयोग यातायात , एयरोस्पेस , इलेक्ट्रॉनिक्स में अच्छा है। बी एच् यु के प्रोफेसर नीलाम श्रीवास्तव ने कहा ऊर्जा संरक्षण यन्त्र में अलग अलग तरह के विद्युत रसायन अपघट्य का प्रयोग किया जाता है जिसमे पॉलीमर अपघट्य अत्यधिक कारगर है। उन्होंने कहा कि आलू स्टार्च को सोडियम आयोडाइड का प्रयोग बेहतरी के लिए किया जा सकता है।

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प्रोफेसर जेम्स मेक्लेसकी तथा तापस सेन , प्रतिभागी की तरफ से पारवती दास ने भी अपने विचार रखे। सह संयोजक डॉ गीता तिवारी ने कार्यक्रम का सञ्चालन किया। आज समापन समारोह में आयोजक सचिव प्रॉ चित्रा पांडे ने सभी का स्वागत किया। प्रोफ गंगा बिष्ट ने कहा नैनो प्रौद्योगिकी मानव समाज के लिए लाभदायक है। इसके प्रयोग से कई समस्याएं समाप्त हो सकती है। प्रॉ तापस सेन ने कहा कि चर्चा के बिना विकास संभव नहीं है। युवाओ को बेहतर सोध के लिए आगे आना होगा। प्रॉ जेम्स मेक्लेसकी ने कहा कि भारतीय सभ्यता मानवता के मूल तत्व से भरी हुई है जैसे नैनो कण प्रकृति में समाये हुए है। डाएबर हल्द्वानी के निदेशक प्रॉ मधुबाला ने कहा कि हम सबको ग्रीन ऊर्जा का उपयोग करना होगा। शोध ही एकमात्र ऐसा साधन है जो सतत विकास में कारगर सिद्ध होता है। विश्वविद्यालय के कुलपति के एस राणा ने कहा कि विज्ञान ही मानवता के लिए कल्याणकारी है। नैनो कण इन्सान को सुख सुविधा में इजाफा करने में कारगर है। इस कार्य से बेहतर समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। विश्वविद्यालय के युवा वैज्ञानिक विश्व की बेहतरी के लिए कार्य करे।

कार्यशाला में नैनो टेक्नोलॉजी में ओरल प्रस्तुति में प्रथम पुरस्कार राजेश कुमार, डी ऐस बी कैंपस, ऐस के इब्राहिम ने द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया। पोस्टर में कृष्ण तथा प्रीतम दास ने प्रथम तथा द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया।सतत विकास में किरण पाटनी तथा गौरव रावत ने प्रथम तथा द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया तथा पोस्टर में सौम्यआ तथा दीपिका पंचोली ने प्रथम तथा द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया। एनर्जी में संदीप पण्डे तथा आरती फुलारा ने ओरल में प्रथम तथा द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया। पोस्टर में सिमरन कुमारी तथा चंद्र प्रकाश शर्मा ने प्रथम तथा द्वितिय पुरस्कार प्राप्त किया। फंक्शनल मटेरियल में पोस्टर में जीवंती कन्याल तथा अंकिता त्रिपाठी ने प्रथम एंड द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया तथा ओरल में ललित नेगी तथा जी सक्सेना ने प्रथम तथा द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि डॉ मधुबाला निदेशक Daebar को शाल , पुष्प तथा प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया। प्रॉ साहू ने बताया कि कार्यशाला के दौरान 4 की नोट , 13 स्पेशल इन्वितेद, 30 इन्वितेद, 70 ओरल तथा 130 पोस्टर प्रस्तुत किये गए। कांफ्रेंस के चेयरमैन ए बी मेलकानी ने सभी का धन्यवाद किया।

शोध पर चर्चा के साथ ही सांस्कृतिक संध्या भी आयोजित की गयी जिसमे स्थानीय कलाकारों ने सभा बाधा। मयंक पाठक ने वंदे मातरम, अरुण बाघनी ने स्वरचित देशभक्ति कविता प्रस्तुत की। एस आर तथा लंघम छात्रावास की छात्राओं ने कुमाऊँनी तथा गढ़वाली नृत्य प्रस्तुत किया। ऍन सी सी टीम ने कुमाउनी नृत्य रंगवाली पिछोड़ा में प्रस्तुत किया। मनीष कुमार उर्फ विकराल ने रैप गीत प्रस्तुत किया। प्रयोगक संस्था द्वारा स्वछता एवं प्लास्टिक उपयोग न करे तथा पर्यावरन को स्वच्छ एवं स्वस्थ रखने के लिये नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। कत्थक की प्रस्तुति भी की गयी। कार्यक्रम का संचालन संदीप पांडे तथा अनीता राणा ने किया।

अंतर्राष्ट्रीय संगोष्टि में प्रोफेसर ऐ बी मेलकानी, संयोजक प्रोफेसर ऍन जी साहू, सह संयोजक गीता तिवारी, आयोजक सचिव प्रोफेसर चित्रा पाण्डे, प्रोफेसर ऐस पी एस मेहता , प्रोफेसर ललित तिवारी, प्रोफेसर बीना पाण्डे, प्रोफेसर जेम्स मेक्लेसकी, प्रोफेसर गंगा बिष्ट, तपन सेन, प्रोफेसर सी के पन्त , प्रॉ पुष्पआ जोशी, प्रॉ ऍम सी जोशी, डॉ महेश आर्या, डॉ मनोज धोनी,डॉ ललित मोहन , डॉ सोहल जावेद, अक्षत साह,संदीप,सुनील ढाली, मनोज,संजय, लता राणा, मोनिका मटियानी, गरिमा चंद, हिमानी तिवारी, मारुती साह, इला साह, अनीता राणा, गरिमा पुनेठा, किरण पाटनी, नेहा, चेतना, नीमा, सीमा ,भास्कर, मयंक, गौरव, सपना, राजेश, कीर्ति, लतिका, निधि नेगी आदि मौजूद थे।