भारत में इन राज्यों की महिलाएं पीती हैं सबसे ज्यादा शराब, सांस्कृतिक परंपराएं भी बड़ी वजह

भारत में शराब का सेवन लंबे समय से पुरुषों से जुड़ा विषय माना जाता रहा है, लेकिन समय के साथ यह धारणा बदलती नजर आ…

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भारत में शराब का सेवन लंबे समय से पुरुषों से जुड़ा विषय माना जाता रहा है, लेकिन समय के साथ यह धारणा बदलती नजर आ रही है। अब महिलाएं भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं हैं और कई राज्यों में यह प्रवृत्ति तेजी से उभर रही है। खासकर पूर्वोत्तर और कुछ आदिवासी क्षेत्रों में महिलाओं के शराब सेवन को सामाजिक और सांस्कृतिक स्वीकृति भी प्राप्त है।

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) के आंकड़ों के अनुसार देश के कुछ हिस्सों में महिलाओं द्वारा शराब पीने की प्रवृत्ति अधिक देखी जा रही है। इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा उल्लेख अरुणाचल प्रदेश का किया गया है, जहां महिलाओं द्वारा शराब का सेवन आम बात मानी जाती है। इस राज्य में चावल से बनी पारंपरिक शराब न केवल घरेलू मेहमानों के स्वागत का हिस्सा है, बल्कि सामाजिक आयोजनों में भी इसका उपयोग आम है।

इसी तरह सिक्किम में भी महिलाएं पारंपरिक रूप से बनाई गई शराब जैसे छांग को बड़े पैमाने पर सेवन करती हैं। यह पेय वहां की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा बन चुका है। वहीं असम में भी महिलाओं के शराब पीने का चलन देखा गया है, जहां आमतौर पर व्हिस्की लोकप्रिय मानी जाती है।

तेलंगाना में शराब के तौर पर बीयर और व्हिस्की का ज्यादा चलन है और यहां की कई महिलाएं इन पेयों का सेवन करती हैं। झारखंड के आदिवासी इलाकों में भी यह आदत पारंपरिक संस्कृति से जुड़ी हुई है, जहां शराब पीना जीवनशैली का एक हिस्सा माना जाता है।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी महिलाओं के बीच हांडिया और टोडी जैसे देसी पेयों की लोकप्रियता देखी जाती है। वहीं छत्तीसगढ़ में शराब के तौर पर वोडका और व्हिस्की को ज्यादा पसंद किया जाता है, और यहां भी महिलाएं इन पेयों का सेवन करती नजर आती हैं।

इन आंकड़ों से यह साफ है कि भारत में महिलाओं का शराब की ओर झुकाव सिर्फ एक आधुनिक चलन नहीं, बल्कि कई जगहों पर यह सांस्कृतिक और पारंपरिक मान्यताओं का हिस्सा बन चुका है। हालांकि यह भी जरूरी है कि इस बदलाव को सामाजिक नजरिये से समझा जाए और इसके प्रभावों पर गंभीर विचार किया जाए।