पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि कुलपति का काम शैक्षिक माहौल देखना है| उन्होंने कहा कि इस प्रकार का पत्र लिखने से पहले कुलपति को सोचना चाहिए था कि राज्य आंदोलन में कुविवि की क्या भूमिका रही है, आंदोलन में कुविवि का हर छात्र व शिक्षक शरीक रहा है ऐसे में कुलपति का राज्य का पुनर्गठन संबंधी पत्र लिखना निंदनीय है|उनको यह हक किसने दिया उन्होंने राज्य सरकार से इस प्रकार राज्यविरोधी बयान देने पर उन्हें तत्काल इस पद से हटाना चाहिए|