पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था समाप्त करने की मांग को सीएम को भेजा ज्ञापन, उत्तराखंड जनरल—ओबीसी इम्प्लाईज एसोसिएशन ने उठाई ये मांगें

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। सीधी भर्ती में आरक्षण के त्रुटिपूर्ण अनुपालन को सही किये जाने संबंधी मंत्रीमंडल के निर्णय को लागू करने को तत्काल शासनादेश लागू किये जाने और पदोन्नति में आरक्षण व्यवस्था समाप्त करने की मांग को लेकर उत्तराखंड जनरल—ओबीसी इम्प्लाईज एसोसिएशन के जिला इकाई की ओर से जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में कहा कि 2001 में अनुसूचित जाति के पक्ष में अंतिम रूप से 19 फीसदी आरक्षण लागू किया गया था। इसके क्रियान्वयन हेतु जारी रोस्टर में सीधी भर्ती के संदर्भ में प्रत्येक रोस्टर बिंदु पर आरक्षण का प्रतिशत 50 से लेकर 20 प्रतिशत तक बना रहता था जो कि विधि विपरीत था। इस समस्या के निस्तारण के लिए मंत्रीमंडल द्वारा बीते 28 अगस्त को प्रथम रोस्टर बिंदु में बदलाव किया गया है। कहा कि मंत्रीमंडल का यह निर्णय आरक्षण का उचित प्रतिशत लागू करने में सहायक होगा। कहा कि प्रदेश में वर्तमान में पदोन्नति में आरक्षण दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। उत्तरप्रदेश से चली आ रही संबंधित व्यवस्था न्यायालयों द्वारा पूर्व में ही समाप्त की जा चुकी है। सदस्यों ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण की भ्रम की स्थिति इसी वर्ष एक अप्रैल को उच्च न्यायालय द्वारा ज्ञानचंद बनाम उत्तराखंड राज्य में ​दिये गये निर्णय से उत्पन्न हुई। इस निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दायर की गई है लेकिन तीन माह से अधिक समय का व्यतीत होने के बाद भी न्यायालय द्वारा इस याचिका पर कोई सुनवाई नहीं की गई है जिससे एसोसिएशन के सदस्यों में भारी रोष है। इम्प्लाईज एसोएिसशन ने सचिवालय स्तर पर शासकीय अधिवक्ताओं का एक पैनल तैयार कर उच्च स्तरीय कमेटी ​गठित कर प्रकरणों का निदान किये जाने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में अध्यक्ष उत्तराखंड जनरल—ओबीसी इम्प्लाईज एसोसिएशन भूपाल सिंह चिलवाल, संरक्षक धीरेंद्र कुमार पाठक, राजेश कुमार डालाकोटी, दिगंबर दत्त फुलोरिया, जगदीश पांडे, अंबादत्त पांडे, पंकज कांडपाल, दीपक तिवारी समेत कई सदस्य मौजूद रहे।

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